बीमारी से 90 प्रतिशत भेड़े ग्रसित, भेड़पालकों की आजीविका पर संकट

HNN/ काँगड़ा

जिला कांगड़ा के विधानसभा क्षेत्र इंदौरा के तहत आती पंचायत बलीर के समून गांव में भेड़पालकों की आजीविका पर संकट के बादल मंडरा रहे है। जी हाँ, यहां भारी संख्या में भेड़े खुरपका मुंहपका रोग की चपेट में आ गई है जिससे भेड़पालक खासे चिंतित हो गए है। इतना ही नहीं अत्यंत सूक्ष्म विषाणु से होने वाले इस रोग का कहर इस कदर है कि यहां तक़रीबन 80 के करीब भेड़ों की जान चली गई है।

ऐसे में इस रोग से पशुधन उत्पादन में कमी होती जा रही है। भेड़पालकों ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी 90 प्रतिशत भेड़े इस बीमारी से ग्रसित हैं जबकि कुछ की मौत भी हुई है। बताया कि अगर भेड़ों को समय रहते सही इलाज़ नहीं मिला तो उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा। भेड़ पालकों ने सरकार व प्रशासन से उनकी भेड़ों को इस बीमारी के वचाब व रोकथाम के लिए टीकाकरण करवाने की गुहार लगवाई है।

उधर, पशु चिकित्सक अशोक कुमार, एचए मोहटली ने बताया कि खुरपका मुंहपका रोग की चपेट में आई इन भेड़ों की जाँच की जाएगी और बीमारी के हिसाब से इनका इलाज किया जाएगा।

रोग के लक्षण
पशु के मुंह से अत्यधिक लार का टपकना
जीभ और तलवे पर छालों का उभरना एवं जीभ का बाहर आ जाना
पशु के जुगाली करना बंद कर देना
दूध उत्पादन में करीब 80 प्रतिशत की कमी

ऐसे करें बचाव
रोग का पता लगने पर पशु को अन्य पशुओं से तुरंत दूर किया जाए
प्रभावित क्षेत्र को सोडियम कार्बोनेट घोल पानी मिलाकर धोना चाहिए
चिकित्सकों की सलाह लेकर पशु के तुरंत टीका लगवाने के साथ नियमित उपचार कराएं
स्वस्थ एवं बीमार पशु को अलग-अलग रखें
जिस जगह पर पशु को रखते है वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें
टीकाकरण के दौरान प्रत्येक पशु के लिए अलग-अलग सुई का प्रयोग कराया जाए


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