Himachalnow / बिलासपुर
ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव के तहत दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
बिलासपुर ग्रामसभा में जागरूकता और कार्रवाई दोनों जारी
गांवों में नशे के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पंचायत ने सख्त रुख अपनाया है। पंचायत बनने के बाद से ही हर ग्रामसभा में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था। कई संदिग्ध लोग पहले से ही चिन्हित थे, जिन पर प्रारंभिक चेतावनी दी गई थी, लेकिन जब उनके परिवारों ने इस समस्या को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, तो पंचायत को सख्त निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ा।
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नशा कारोबारियों पर पंचायत की सख्ती
ग्रामसभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जो भी व्यक्ति नशे के व्यापार में संलिप्त पाया जाएगा और जिस पर पुलिस केस दर्ज होगा, उसे पंचायत से मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को लागू करने के बाद पंचायत ने चार परिवारों पर कार्रवाई भी की, जिनके सदस्यों पर नशे से संबंधित मामले दर्ज थे।
आईआरडीपी परिवारों पर भी पड़ा असर
इनमें कुछ परिवार आईआरडीपी (Integrated Rural Development Programme) योजना के अंतर्गत आने वाले थे, जो सस्ते राशन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। लेकिन पंचायत के नियमों के अनुसार, इन परिवारों को भी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है।
नशे के खिलाफ पंचायत का बड़ा निर्णय
ग्रामसभा में प्रस्ताव रखा गया कि पुलिस स्टेशन में जिनके नशे से जुड़े केस दर्ज हैं, उन्हें पंचायत की सभी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनके खिलाफ दर्ज मामले अदालत में लंबित रहेंगे।
अन्य पंचायतों से भी सहयोग की अपील
पंचायत ने अन्य गांवों से भी अपील की है कि वे इस पहल में सहयोग दें और नशे के खिलाफ एकजुट होकर कड़ी कार्रवाई करें। पंचायत का मानना है कि जब तक हर गांव इस मुहिम में सक्रिय भूमिका नहीं निभाएगा, तब तक नशे के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल होगा।
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