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दान करना चाहिए मगर कुछ सावधानियां जरूरी है- गौरी दीक्षित

आमवाला माड़ी स्थान पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन

HNN/ नाहन

नाहन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आमवाला सैनवाला पंचायत स्थित दिव्य स्थल श्री गोगा माडी पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। इस सिद्ध स्थल पर गोगा जी महाराज के अनन्य भगत व तपस्वी प्रताप सिंह व उनके भक्तों के द्वारा स्थापित मंदिर में दिनांक 12 मार्च को श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था।

रविवार को कथा समापन के मौके पर वृंदावन से पधारी कथावाचक विदुषी गौरी दीक्षित के द्वारा जहां भगवान श्री कृष्ण जी और उनके सखा सुदामा के मिलन का बड़ा ही मार्मिक और भक्ति पूर्ण वर्णन सुनाया गया तो वही विदुषी गौरी दीक्षित के द्वारा दान किए जाने के महत्व को भी बताया गया।

विदुषी गौरी दीक्षित ने बताया कि दान देने में पात्र और अपात्र का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपात्र व्यक्ति को दिया गया दान प्रभावहीन और पाप का घोतक होता है। समापन दिवस पर आयोजित कथा प्रसंग के दौरान भूपेंद्र पचौरी मुरारी और उनकी भजन मंडली के द्वारा बड़े ही सुंदर श्री कृष्ण भक्ति में सरोवर भजन गाय गए।

संकीर्तन और भजनों का कथा के दौरान ऐसा संगम हुआ कि उपस्थित भगत जन भक्ति रस में डूब कर अपनी सुध बुध खो बैठे। समापन के अवसर पर होली उत्सव भी मनाया गया। जिसमें हर भगत ने राधा कृष्ण के साथ जमकर फूलों की होली खेली। इस दिव्य और पवित्र स्थल पर श्री कृष्ण भक्ति का नजारा बड़ा ही अद्भुत रहा।

आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में ना केवल नाहन शहर से बल्कि साथ लगते दूसरे राज्य के भक्तों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करी। इस मौके पर तपोस्थली के तपस्वी व गोगा जी महाराज के अनन्य भगत गुरु प्रताप सिंह के द्वारा भव्य विशाल भंडारे का भी आयोजन करवाया गया।

जिसमें सैकड़ों की तादाद में पहुंचे भक्तों के द्वारा प्रसाद ग्रहण किया गया। वृंदावन से आए कथावाचक दल के नीरज दीक्षित ने बताया कि यह तप स्थली अलौकिक शक्तियों से युक्त है, जहां बार-बार आने का दिल करता है।

उन्होंने कहा कि वह तीसरी मर्तबा इस पवित्र स्थल पर कथा का आयोजन करने वृंदावन से आए हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से गुरु प्रताप सिंह व उनके भगत और समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।


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