ऊना वीरेंद्र बन्याल
चिंतपूर्णी में 9-16 अगस्त तक मनाए जाने वाले श्रावण अष्टमी नवरात्र मेले के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने कोविड-19 एसओपी जारी कर दी है। इस संबंध में मंदिर आयुक्त एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं को चलते हुए ही दर्शन करने की अनुमति रहेगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को धर्मशाला में केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही ठहरने की अनुमति रहेगी।
मेले के दौरान मंदिर केवल रात्रि 11 बजे से 12 बजे तक सिर्फ एक घंटा दर्शन के लिए बंद रहेगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेने के साथ-साथ कोविड-19 की स्क्रीनिंग भी करवानी होगी। इसके अतिरिक्त भजन, कीर्तन, सत्संग, भागवत व अन्य धार्मिक आयोजनों पर मंदिर परिसर में प्रतिबंध रहेगा। मंदिर परिसर में भीड़ ना हो इसके लिए मंदिर सहायक आयुक्त दर्शन पर्ची जारी करना रोक सकेगा। एडीबी सदन श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा।
डीसी ने कहा कि भीड़ के दृष्टिगत चिंतपूर्णी क्षेत्र में अस्थाई दुकानें नहीं खुल सकेगी तथा केवल सूखा प्रसाद ही चढ़ाया जा सकेगा। श्रद्धालुओं को मंदिर में बैठने, खड़े होने तथा इंतजार करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में झंडा ले जाने की अनुमति नहीं होगी, केवल मंदिर अधिकारी द्वारा चिन्हित स्थान पर ही झंडा चढ़ाया जा सकता है।
श्रद्धालुओं के लिए एसओपी
जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि चिकित्सीय परीक्षण के बाद केवल एसिम्टोमैटिक (बिना लक्षणों वाले) श्रद्धालु ही मंदिर परिसर में जा सकेंगे, जबकि कोविड जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी। श्रद्धालु दर्शन के लिए न्यू बस स्टैंड, चिंतपूर्णी सदन व शंभू बैरियर पर पंजीकरण और मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं।
आंगतुकों को मंदिर परिसर में गेट एक व दो के माध्यम से निर्धारित सामाजिक दूरी अपनाते हुए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि जूतों को गाड़ी में ही उतारना होगा और यदि जरूरत पड़ती है तो पुराना बस अड्डा के पास जूते रखने के स्थान को प्रयोग में लाया जा सकता है। श्रद्धालुओं को मां चिंतपूर्णी के दर्शानार्थ जाते समय पंक्ति में हर समय 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। आंगतुकों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे।
इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों इत्यादि को छूना वर्जित रहेगा। भीड़ का इक्ठ्ठा होना पूर्व की भांति वर्जित रहेगा। मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है।
पुजारियों के लिए एसओपी
राघव शर्मा ने कहा कि पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। उनके द्वारा किसी एक श्रद्धालु या श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा अर्चना भी नहीं की जाएगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी।
चिंतपूर्णी सदन के लिए एसओपी
डीसी ने बताया कि चिंतपूर्णी सदन में श्रद्धालु पंजीकरण के लिए संपर्क करेंगे, इसके लिए पंजीकरण और चिकित्सीय परीक्षण हेतु समुचित काउंटरों की व्यवस्था होगी। वहां ड्यूटी पर तैनात स्टाफ हेतु उचित मात्रा में सुरक्षा सामाग्री की व्यवस्था रहेगी, साथ ही निर्धारित मापदंडों की अनुपालना भी सुनिश्चित करनी होगी। बीएमओ के साथ परामर्श करके आइसोलेशन कक्ष बनाया जाएगा तथा मुंडन संस्कार के लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा। बाथरूम अथवा टॉयलेट सहित संपूर्ण परिसर को नियमित अंतराल पर सेनिटाइज करना होगा। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए जाएंगे।
दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश
डीसी ने कहा कि दुकानदार व होटल मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और आगंतुकों द्वारा फेस कवर का प्रयोग, हाथों को धोना, सामाजिक दूरी जैसी हिदायतों की अनुपालना हो रही है। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाने होंगे और कोई भी दुकानदार दुकान से बाहर विक्रय सामाग्री नहीं रखेगा। उल्लंघन करने वाले की दुकान तीन दिन के लिए बंद कर दी जाएगी।
सफाई व्यवस्था में लगे स्टाफ के लिए एसओपी
मंदिर आयुक्त राघव शर्मा ने कहा कि सफाई कर्मचारी निर्धारित वर्दी पहनेंगे। सेवा प्रदाता समय-समय पर स्वच्छता सुनिश्चित करेगा और दिन में तीन बार क्षेत्र की सफाई करवाएगा। एकत्र किए गए कचरे का निपटारा किया जाएगा। कर्मचारी व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। हाथ-पैर धोने के क्षेत्रों, रेलिंग, दरवाजों की नॉब वगैरह की निर्धारित समय पर प्रभावी ढंग से कीटाणुनाशक रसायन के माध्यम से सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करना होगा।