Himachalnow / मंडी
मंडी जिला के चच्योट क्षेत्र के आयुष ने भारतीय सेना में लैफ्टिनेंट पद प्राप्त कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि आयुष के कठिन परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है। बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना रखने वाले आयुष ने अपनी मेहनत से इसे सच कर दिखाया। उनके दादा, सेवानिवृत्त तहसीलदार दुर्गादत्त, ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आयुष का यह सपना वर्षों की लगन और कड़ी मेहनत का परिणाम है।
शैक्षणिक यात्रा और सफलता की कहानी
आयुष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चैलचौक स्कूल से प्राप्त की और जमा दो की पढ़ाई नेरचौक से पूरी की। इसके बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सीडीएस (संयुक्त रक्षा सेवा) परीक्षा में सफलता प्राप्त की। सीडीएस परीक्षा पास करने के बाद, आयुष ने देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। वहां से पास आउट होने के बाद, आयुष को भारतीय सेना में लैफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया। वर्तमान में वह 18-मद्रास रेजिमेंट में अपनी सेवाएं देंगे।
आयुष की सफलता में उनके परिवार का अहम योगदान रहा है। उनके पिता संजीव कुमार, जो एक मुख्याध्यापक हैं, ने शिक्षा और अनुशासन के महत्व को आयुष के जीवन में गहराई से स्थापित किया। उनकी माता कुसुम, एक कुशल गृहिणी होने के साथ-साथ, अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमेशा तत्पर रहीं। आयुष की बहन, जो एमएससी की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं, ने भी उन्हें प्रेरित किया। परिवार के इस सहयोग और मार्गदर्शन ने आयुष को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए सशक्त किया।
गांव और क्षेत्र में खुशी का माहौल
आयुष की इस उपलब्धि ने पूरे गांव और क्षेत्र को गर्वित किया है। आयुष के मित्रों, पड़ोसियों और शिक्षकों ने भी इस सफलता पर उन्हें बधाई दी। चच्योट क्षेत्र के लोगों का मानना है कि आयुष ने युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनने का काम किया है। उनकी यह उपलब्धि उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।