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गांव की बेटियों ने हिम इरा शॉप से बदली तस्वीर, मंदिर के पास खड़ा हुआ आत्मनिर्भरता का नया मॉडल

मंडी

स्थानीय महिलाओं की मेहनत और सांस्कृतिक धरोहर ने ‘हिम इरा शॉप’ को ग्रामीण विकास की प्रेरणादायक मिसाल बना दिया

मंदिर की छांव में शुरू हुआ सफर
चुराग ब्लॉक की सवा माहू पंचायत के माहूंनाग मंदिर के पास दो साल पहले शुरू हुई ‘हिम इरा शॉप’ आज 100 से अधिक महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की पहचान बन चुकी है। पहले सिर्फ घरों तक सीमित ये महिलाएं अब पारंपरिक उत्पाद बनाकर 25 से 30 हजार रुपये मासिक और सालाना दो लाख रुपये तक की सामूहिक आय अर्जित कर रही हैं।

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हस्तशिल्प और परंपरा की झलक
इस शॉप में बांस की टोकरियां, ऊनी जैकेट, देशी घी, हल्दी, राजमाह, पारंपरिक बीज, मसाले और हाथ से बनी सजावटी वस्तुएं मिलती हैं। ये सामान सिर्फ खरीदारी तक सीमित नहीं, बल्कि गांव की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन भी करते हैं, जिसे देखकर पर्यटक भी आकर्षित होते हैं।

डिजिटल दुनिया की ओर कदम
अब हिम इरा समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए उन्हें डिजिटल प्रशिक्षण, ब्रांडिंग और पैकेजिंग की जानकारी दी जा रही है। उद्देश्य है कि स्थानीय उत्पाद सीमाओं से बाहर निकलकर देश और दुनिया तक पहुंच सकें।

महिलाओं का आत्मविश्वास और आगे की योजनाएं
समूह की प्रधान त्वारकू देवी बताती हैं कि वे अब अपने ब्रांड को पूरे देश में फैलाना चाहती हैं। इसके लिए पैकेजिंग को बेहतर बनाना, उत्पादों को एक पहचान देना और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार करना प्रमुख लक्ष्य हैं। साथ ही कारीगरों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग देने की भी योजना है।

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