ऊना/वीरेंद्र बन्याल
श्रमिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में सरकार की योजनाएं बन रही हैं मददगार, जसवंत सिंह को मिली समय पर सहायता
संघर्ष भरे जीवन में मिली उम्मीद की किरण
छह बेटियों के पिता और पेशे से राजमिस्त्री जसवंत सिंह के लिए जीवन कठिनाइयों से भरा था। सीमित आमदनी और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच बेटियों की पढ़ाई और विवाह जैसी ज़रूरतें पूरा कर पाना उनके लिए एक बड़ा संघर्ष था। लेकिन भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के बाद उन्हें जो सहायता मिली, उसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
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शिक्षा और विवाह के लिए मिली आर्थिक सहायता
बोर्ड की योजनाओं के अंतर्गत जसवंत सिंह को दो बेटियों की पढ़ाई के लिए 24 हजार रुपये और उनके विवाह हेतु 1 लाख 2 हजार रुपये की सहायता राशि प्राप्त हुई। उन्होंने इसे न केवल आर्थिक राहत बल्कि मानसिक तनाव से मुक्ति का बड़ा जरिया बताया। यह मदद समय पर मिलने से उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई।
सरकारी योजनाओं से मिला संबल
जसवंत सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं ज़मीनी स्तर तक पहुंच रही हैं और वास्तव में गरीबों के लिए संबल बन रही हैं। उन्होंने इसे एक सच्ची सामाजिक सुरक्षा बताया।
हर श्रमिक तक पहुंच रही है योजना
बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार का मकसद है कि कोई भी श्रमिक खुद को अकेला न समझे। उन्होंने बताया कि बोर्ड की सभी योजनाएं पारदर्शी प्रक्रिया से लागू की जा रही हैं और जिलों में सतत निगरानी की जा रही है।
सैकड़ों को मिल रहा योजनाओं का लाभ
ऊना के जिला श्रमिक कल्याण अधिकारी अमन शर्मा ने बताया कि जिले में सैकड़ों श्रमिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह, पेंशन और आवास जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए 51-51 हजार, मातृत्व सहायता, पेंशन, शिक्षा, चिकित्सा, मानसिक रूप से मंद बच्चों के लिए वार्षिक मदद, बेटी जन्म पर उपहार राशि जैसी दर्जनों योजनाएं श्रमिकों को राहत दे रही हैं।
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