HNN/शिमला
हिमाचल प्रदेश में बनीं 23 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्टेट ड्रग कंट्रोलर की ओर से दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 23 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
इनमें से 12 दवाएं सोलन, 10 सिरमौर और एक दवा कांगड़ा में बनी हैं। ड्रग कंट्रोलर की ओर से कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और दवाओं को बनाने के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं। कंपनियों को दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश भी दिए हैं।
यह खुलासा सितंबर के ड्रग अलर्ट में हुआ है। जिन कंपनियों की दवाएं मानक पर खरी नहीं उतरी हैं, उनमें पुष्कर फार्मा, मर्टिन एवं ब्राउन, जी लेबोट्री, इनोवो केपटेप, सेफोपेराजोन और ट्रिविजन हेल्थ केयर शामिल हैं।