HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। कुछ लोग बेरोजगारी की मार नहीं झेल पा रहे हैं तो कुछ लोग आर्थिक तंगी, नशे की लत, डिप्रेशन, करिअर की चिंता, लाइफस्टाइल, अकेलापन, संबंधों में अलगाव व कई अन्य मनोविकार संबंधी समस्याओं से परेशान लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं।
दैनिक जीवन में नियमित या फिर समय-समय पर होने वाली इन परेशानियों की वजह से हर उम्र के लोगों में मोहभंग, चिड़चिड़ापन, आत्महत्या, तनाव, हिंसा की प्रवृति बढ़ रही है। हिमाचल प्रदेश में आए दिन कभी लोग फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं तो कभी पॉइजन या नदी में कूदकर अपनी जान दे देते हैं।
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राज्य में एक साल के दौरान 886 लोगों ने आत्महत्या की है। नशे के कारण 21, बेरोजगारी के चलते 33, वित्तीय दिवालियापन 17, विवाह संबंधी 65, पारिवारिक 179, नशा 21, बेरोजगारी 33, स्वास्थ्य 184, परीक्षा में फेल 2, प्रेम प्रसंग 28, अन्य कारणों से 357 आत्महत्या हुईं है। अभी भी राज्य में आत्महत्या के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं और आए दिन कोई न कोई अपनी जान दे रहा है।
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