Himachalnow/शिमला
हिमाचल प्रदेश में नशीली दवाओं के सेवन की समस्या बढ़ रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 9.02% किशोरों ने इंजेक्शन से नशा लेने की बात स्वीकार की है। इसके अलावा, 34.61% युवाओं में चिट्टे की लत की समस्या पाई गई है।
यह समस्या सिर्फ युवाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 7,563 विद्यार्थियों में से 3,833 छात्र और 3,730 छात्राएं थीं। इसमें पाया गया कि तंबाकू, धूम्रपान, भांग और शराब का सेवन करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
इस समस्या से निपटने के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर काम करने की जरूरत है। नशीली दवाओं के सेवन के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए और युवाओं को इस समस्या से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।