HNN/मंडी
हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच 110 मेगावाट की शानन विद्युत परियोजना के मालिकाना हक को लेकर चल रही लड़ाई के कारण परियोजना की हालत खराब हो गई है। परियोजना के 132 केवी सब स्टेशन में झाड़ियां उग गई हैं, जिससे हादसों की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा, परियोजना की ओर जाने वाली सड़क कई सालों से गड्ढों में बदल गई है, जिससे गाड़ियों के गुजरने में मुश्किल हो रही है और पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
शानन परियोजना से हर साल 200 से 300 करोड़ रुपये की आमदनी होती है, लेकिन इसके बावजूद परियोजना की हालत खराब है। यह परियोजना 1925 में ऊहल नदी पर बनाई गई थी, जिसके लिए पंजाब को 99 साल के लिए भूमि लीज पर दी गई थी। लीज अवधि खत्म होने के बाद अब दोनों राज्य परियोजना पर स्वामित्व हासिल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गए हैं ।
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परियोजना प्रबंधन की ओर से रखरखाव में कोताही नहीं बरती जा रही है और विद्युत उत्पादन से आमदनी का कुछ हिस्सा परियोजना के जीर्णोद्धार पर खर्च किया जा रहा है। उपकरणों के रखरखाव के अलावा नई मशीनरी के स्थापित करने पर भी राशि पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड की ओर से खर्च की गई है।
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