स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव हेतू जारी की एडवाइजरी

ByPRIYANKA THAKUR

Oct 6, 2021

HNN / ऊना, वीरेंद्र बन्याल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ रमन कुमार शर्मा ने डेंगू से बचाव के लिए एडवाज़री की है। उन्होने कहा कि मलेरिया एनोफलिस नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। इसके काटने से मरीज को 104 डिग्री तक का तेज बुखार, सर्दी व कंपन तथा पसीना पड़ता है। उन्होने बताया कि मलेरिया से बचने के लिए अपने आसपास सफाई रखें। गड्ढ़ों में पानी न जमा होने दें, बदन को कपड़ों से ढक कर रखें, मच्छरदानी का प्रयोग करें तथा बुखार होने पर रक्त की जांच करवाएं। इसी तरह डेंगू टाईगर मच्छर जिसके पंखों, बदन तथा टांगों में सफेद धारियां होती है के काटने से होता है।

उन्होने बताया कि इसके काटने से डेंगू वायरस आदमी के शरीर में प्रवेश कर जाता है तथा रोगी को तेज बुखार, सिर दर्द, बदन व जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द इत्यादि होना है। इसके अलावा  कई बार नाक से, आमाश्य से रक्त स्त्राव होना, बेहोश हो जाना, शरीर में प्लेटलेस की कमी होना भी है। डेंगू का मच्छर टूटे बर्तनों, टायरों, कुलरों, एसी व खडे पानी की टंकी में पनपते हैं तथा यह मच्छर दिन को काटता है एवं आदमी से आदमी को नहीं फैलता है। 

 उन्होने बताया कि डेंगू से बचने के लिए लोग अपने घरों व आसपास के क्षेत्रों में मच्छर को पनपने से रोकें, सप्ताह में एक या दो बार कूलर, एसी तथा टंकी के पानी को जरूर बदलें। उन्होने जोर देकर कहा कि सभी लोग सप्ताह में शनिवार को अपने-अपने कूलरों का पानी जरूर खाली कर दें तथा एक दिन कूलरों को सूखा रखें। उन्होने कहा कि कूलरों में लंबे समय तक पानी न बदलने के कारण डेंगू का मच्छर पनपने की पूरी संभावनाएं रहती हैं।

साथ ही टूटे बर्तनों, पुराने टायरों, टूटे घडे इत्यादि को घर में न रखें ताकि उनमें पानी न ठहरें। साथ ही समय-समय पर घरों में मच्छर मारने के लिए कीट नाशकों का भी छिडकाव करें। इसके अलावा यदि बताए गए कोई भी लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो तुरन्त चिकित्सीय जांच के लिए अस्पताल पहुंचे।

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