HNN/सोलन
सोलनः बाजार में आखिर खाने के लिए सबसे उपयुक्त क्या है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक हो। यही सवाल मौजूदा समय में सबसे बड़ी चिंता है। दवाइयों के साथ-साथ कई खाद्य पदार्थों के सैंपल तो फेल हो ही रहे थे, अब सब्जियां भी कसौटी पर खरा नहीं उतर रही हैं। इस बीच हरे मटर का सैंपल भी प्रयोगशाला में फेल हो गया है, जिसमें लेड की अधिक मात्रा मिली है। लिहाजा, इसे असुरक्षित करार दिया गया है।
इस सैंपल को संबंधित विभाग ने सोलन शहर से सब्जियों के साथ उठाया था, जो प्रयोगशाला में खरा नहीं उतरा। कहा जा सकता है कि अब हरा मटर भी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है। विभाग ने सोलन शहर में हरे मटर, शिमला मिर्च, आड़ू व नाशपाती के सैंपल लिए थे। विभाग ने इन सैंपलों को जांच के लिए आईटीसी पंचकूला भेजा।
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इन सैंपल की रिपोर्ट आई तो अधिकारी यह देख हैरान रह गए कि हरे मटर को छोड़कर सभी सब्जियों व फलों के सैंपल पास हो गए, लेकिन मटर का सैंपल कीटनाशक दवाओं व रासायनिक खादों के कारण नहीं, बल्कि लेड की मात्रा के कारण फेल हो गया है। अब यह सवाल पैदा हो गया है कि मटर में लेड की मात्रा कैसे विकसित हुई है। बताया जा रहा है कि हरे मटर की सप्लाई पंजाब से हो रही है। इसके साथ साथ जिला सिरमौर और मंडी से भी मटर आ रहा है।
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डा. अतुल कायस्थ ने हरे मटर का सैंपल फेल होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस मामले में नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरे मटर में लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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