HNN/शिमला
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) ने एक नई आलू की किस्म ‘कुफरी हिमालिनी’ विकसित की है, जो लंबे समय तक खराब नहीं होगी और सामान्य किस्मों के मुकाबले दोगुना उत्पादन देगी। इस किस्म का ट्रायल लद्दाख के लेह में किया गया है और इसके परिणाम सफल रहे हैं।
सीपीआरआई के वैज्ञानिकों ने लेह के सात गांवों में किसानों के साथ मिलकर इस किस्म का उत्पादन किया है। ट्रायल के दौरान, कुफरी हिमालिनी का उत्पादन सामान्य किस्मों के मुकाबले दोगुना पाया गया है। यह किस्म लेट ब्लाइट प्रतिरोधी है और इसके कंद सफेद-क्रीमी और अंडाकार होते हैं।
इस नई किस्म से ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों का कृषि उत्पादन बढ़ेगा और आय में बढ़ोतरी होगी। सीपीआरआई और आईसीएआर ने लद्दाख के लेह जिला के लिकिर गांव को आलू बीज गांव के रूप में विकसित करने की भी योजना है, जहां देश के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों के लिए आलू बीज तैयार किया जाएगा।