राज्य सरकार प्रशिक्षुता नीति तैयार करने पर कर रही विचार
HNN/शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तकनीकी शिक्षा की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 364 तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षण संस्थान कार्यरत हैं, जिनमें से 184 निजी संस्थान हैं।
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उन्होंने विभाग को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन निजी संस्थानों के विनियमन एवं निगरानी के लिए तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभाग को संसाधनों को सुव्यवस्थित करने तथा दक्षता में सुधार के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) एवं बहुतकनीकी महाविद्यालयों को एक ही परिसर में एकीकृत करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने विभाग को युवाओं के लिए बेहतर प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए उद्योगोन्मुखी एवं रोजगार प्रदान करने वाले आधुनिक पाठ्यक्रम आरम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों में आवश्यक कौशल एवं उपलब्ध प्रशिक्षित श्रमशक्ति की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदक उपलब्ध रोजगार अवसरों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने विभाग को विशेष पाठ्यक्रमों के प्रति विद्यार्थियों की रुचि का आकलन करने के लिए अध्ययन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। विभाग ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में 1077 संकाय सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में नवीनतम शिक्षण विधियों और प्रौद्योगिकियों से अवगत रहने के लिए प्रशिक्षण दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक प्रशिक्षुता नीति (एपेंतटिवशिप पॉलिसी) तैयार करने पर विचार कर रही है, जिसके तहत छात्रों को विभिन्न सरकारी विभागों में एक वर्षीय प्रशिक्षुता पाठ्यक्रम प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भी बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक के दौरान एक प्रस्तुति भी दी गई।
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