HNN/ शिमला
प्रदेश में तेज़ मूसलाधार बारिश के साथ ही मानसून का आगाज़ हो गया है। हर साल की तरह इस साल भी मानसून के प्रवेश होते ही प्रदेश में तबाही का दौर फिर से शुरू हो गया है। तेज़ बारिश होने के कारण प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन होने से तकरीबन 40 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इसके साथ ही 93 के करीब ट्रांसफार्मर ठप्प पड़ने की वजह से बिजली व पानी का संकट भी उतपन्न होने लगा है। घरों में बारिश का पानी भरने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश की वजह से प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर भारी नुकसान की खबरें भी सामने आई हैं। भारी बारिश से बंद मार्गों के चलते कुल्लू जिला में जगह-जगह 200 वाहन फंस गए हैं। मंडी जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। डैहर पावर हाउस के निकट सतलुज में बुजुर्ग समेत 18 बकरियां बह गईं। वहीं, डयोढ़ के पास भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। धर्मपुर में हाथी रा बाहल के सरी गांव में बाइक और टैक्सी बह गई। इसके अलावा भूस्खलन से राजधानी शिमला सहित कई जगह दर्जनों छोटे-बड़े वाहन दब गए हैं। जोगिंद्रनगर के समखेतर में बाढ़ से सड़क बह गई है।
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बता दें कि रविवार व सोमवार को पूरे प्रदेश में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की भी सलाह दी है साथ ही पर्यटकों से अपील की है कि प्रदेश में यात्रा करते समय सतर्कता बरतें तथा नदी नालों के समीप न जाएं। मौसम के मिजाज़ को देखते हुए कुल्लू में रिवर राफ्टिंग पर भी रोक लगा दी गई है।
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