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भारत-पाक संबंधों की खटास सिरमौर जिला के सौंठ उत्पादकों पर पड़ रही हैं भारी, नहीं मिल रहे उचित दाम

PRIYANKA THAKUR | 6 मार्च 2022 at 2:28 pm

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घिन्नीघाड, बेलाघाटी व नाहन क्षेत्र की क्यारी पंचायत में होता है सौंठ का भारी उत्पादन

HNN / नाहन

भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते संबधों का असर अब सिरमौर जिला पर भी पडऩे लगा है। जिला सिरमौर की नगदी फसल अदरक व अदरक से बनने वाली सौंठ भारत-पाक के खराब रिश्तों की भेंट चढ़ रही है। अब भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते संबधों का खमियाजा पिछले कुछ समय से जिला क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। कभी एशिया की मंडियों में प्रसिद्ध जिला सिरमौर के किसानों की सौंठ आज हाशिए पर आ गई है। सिरमौर जिला के पच्छाद के घिन्नीघाड, शिलाई की बेला पंचायत व नाहन क्षेत्र की क्यारी पंचायत से औषधीय सौंठ की सप्लाई दिल्ली, अमृतसर, जोधुपर व जयपुर की मंडियों में बिक्री के लिए भेजी जाती है। जहां से इसकी सप्लाई पाकिस्तान, अफगानिस्तान व अन्य देशों को होती है।

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आयुर्वेदिक औषधि मेें प्रयोग होने वाली अदरक की सौंठ की पाकिस्तान व अफगानिस्तान में भारी मांग रहती है। मगर पिछले 5 वर्ष से अधिक समय से भारत-पाक के संबधों में खटास के चलते अदरक व सौंठ की सप्लाई पाक को न होने से क्षेत्र की सौंठ इन दिनों औने-फौने दामों पर किसान बेचने को मजबूर है। अदरक से सौंठ बनने का काम मार्च माह में शुरू होते ही आरंभ कर दिया गया है। अप्रैल में सौंठ की ग्रेडिंग का कार्य आरंभ कर दिया जाता है। ग्रेडिंग के बाद सौंठ की साईज के अनुसार पैंकिग कर मंडियों में भेजना शुरू किया जाता है। विदित रहे कि हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक अदरक का उत्पादन जिला सिरमौर में होता है। सौंठ का प्रयोग औषधि के रूप में कई दवाओं में किया जाता है।

इसका उपयोग त्रिफला, चुरन, च्यवनप्राश व आयुर्वेदिक दवाईयों में सबसे अधिक होता है। सौंठ विक्रेता किसानों ने बताया कि सौंठ की पांच किस्मों में अलग-अलग ग्रेंडिग कर पैंकिग की जाती है। ग्रेडिंग के अनुसार ही बाजार में सौंठ का मूल्य प्रतिकिलों के हिसाब से मिलता है। पाकिस्तान व अन्य देशों की मांग के चलते सौंठ का मूल्य प्रतिवर्ष घट-बढ़ जाता है। गत वर्ष अप्रैल में किसानों से सौंठ 400 से 550 रूपए तक खरीदी गई थी। नाहन की क्यारी पंचायत के सौंठ विक्रेता व किसान केहर सिंह व बेला घाटी के गुलाब सिंह ने बताया कि दिल्ली, जयपुर व अमृतसर से अदरक व सौंठ पाकिस्तान न जाने के कारण इस बार भी कम दाम पर ही खरीदी जाएगी।

वही सिरमौर जिला की सीमा के साथ लगते हरियाणा राज्य के मोरनी क्षेत्र के सौंठ विक्रेता व किसान रत्न सिंह, मुख्तयार सिंह, दीप राम व पृथ्वी सिंह ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते संबधों के चलते अदरक व सौंठ के दाम गिरे है। दिल्ली,अमृतसर व जयपुर मंडीयों से सौंठ की मांग कम आ रही है। जिस कारण क्षेत्र के किसानों से अभी अदरक 700 से 1000 रूपए प्रति मन (40 किलोग्राम का एक मन) तक खरीदा जा रहा है।

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