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भड़ाल्टू नृत्य के प्रशिक्षण का आगाज, युवाओं को मिलेगी संस्कृति की पहचान

PARUL | 9 नवंबर 2024 at 2:06 pm

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Himachalnow/राजगढ़

उपमंडल मुख्यालय राजगढ़ से करीब 80 किलोमीटर दूर रासुमांदर क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देवठी मझगांव में उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सौजन्य से भड़ाल्टू नृत्य के प्रशिक्षण का आगाज हो गया है। ये कार्यशाला 28 नवंबर तक चलेगी।

यहां विद्यालय के छात्रों को हाटी जनजातीय क्षेत्र के भड़ाल्टू नृत्य का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. जोगिंद्र हाब्बी देंगे। इस दौरान पद्मश्री विद्यानंद सरैक, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित कलाकार गोपाल हाब्बी और विद्यालय के प्रधानाचार्य बीआर चौहान समेत अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

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प्रशिक्षण कार्यशाला के विशेषज्ञ पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने कहा कि भड़ाल्टू नृत्य जिला सिरमौर की विलुप्त होती जा रही नृत्य विधा है।इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सौजन्य से नई पीढ़ी को इस नृत्य का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी की इस नृत्य में रुचि बढ़े।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. जोगेंद्र हाब्बी ने कहा कि पद्मश्री विद्यानंद सरैक व संस्कृतिक दल के कलाकारों के सहयोग से इस नृत्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए 15 -16 वर्ष पहले शोध कार्य किया था। इस दौरान उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित युवा कलाकार गोपाल हाब्बी ने इस नृत्य के परिधानों का निर्माण किया।

इसके बाद कलाकारों को नृत्य का प्रशिक्षण दिया गया और आज प्रदेश में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भड़ाल्टू नृत्य की सैकड़ों सफल प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। भड़ाल्टू नृत्य आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका है। डॉ. जोगिंद्र हाब्बी ने कहा कि युवा पीढ़ी को इस विलुप्त नृत्य का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है। इस प्रकार के दुर्लभ एवं विलुप्तप्रायः नृत्यों को नई पीढ़ी को सीखने की बहुत आवश्यकता है अन्यथा ऐसे नृत्य पूर्णतया विलुप्त हो जाएंगे।

हाब्बी ने विद्यार्थियों से कहा कि वह पढ़ाई के साथ-साथ अपनी परंपराओं और संस्कृति में भी रुचि बनाए रखें, क्योंकि संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को भूल जाएंगे तो हमारी पहचान ही मिट जाएगी।उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने का भी आग्रह किया और कहा कि नशा हमें विनाश की तरफ ले जाता है।

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