HNN/ शिमला
पीएम साहब आपने वर्ष 2014 में किसानों के साथ जो वायदा किया था उसे कब निभाओगे। हिमाचल प्रदेश किसानसभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर द्वारा शनिवार को मिडिया को जारी बयान में कहा कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने घोषणा पत्र में किसानों से वायदा किया था कि केन्द्र में सरकार बनने पर हिमाचल को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा जिसमें दूध, ऊन, शहद, फल शामिल हैं।
किसानसभा ने कहा कि उम्मीद है इस दौरे में प्रधानमंत्री उन वायदों को पूरा करेंगे। डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी हमेशा हिमाचल से अपना नाता जोड़ते हैं और अपना दूसरा घर कहते हैं। इस बार मण्डी सहित हिमाचल के मक्की उत्पादक किसानों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मक्की को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्की की खरीद को सुनिश्चित करवाने के लिए प्रदेश सरकार को उचित निर्देश देंगे।
डॉ. तँवर ने कहा कि अभी किसानों की लगभग 7 लाख मीट्रिक टन मक्की बिक्री के लिए आती है लेकिन 8 से 12 रुपये बमुश्किल बिक पाती है। डॉ. तँवर ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित पुस्तक के अनुसार मक्की के लगभग 35 उप-उत्पाद बनाए जा सकते हैं। अगर केन्द्र और प्रदेश सरकार मिलकर प्रदेश में मक्की के लिए प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित करे तो मक्की प्रदेश के लगभग आधे हिस्से के लिए एक बड़ी नकदी फसल बन सकती है जिसकी आर्थिकी 3000 करोड़ से ऊपर की हो सकती है।
किसानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश में भूमि के मुद्दे पर भी पीएम से कोई ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग 47 लाख की आबादी कृषि पर निर्भर है लेकिन प्रदेश की कुल भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा ही उनके पास खेती के लिए उपलब्ध है। विकास के नाम पर उनकी जमीन फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग, विभिन्न तरह के प्रोजेक्टों और अब मण्डी की सबसे उपजाऊ जमीन हवाई अड्डा बनाने के लिए जा रही है। लेकिन मुआवजे के नाम पर उनसे वादाखिलाफी हो रही है।
प्रदेश भाजपा के घोषणापत्र में भूमि का चार गुणा मुआवजा देने का वायदा किया गया था जो सरकार ने पूरा नहीं किया। किसानसभा ने प्रधानमंत्री से उम्मीद जताई है कि हिमाचल प्रदेश के एक दिवसीय प्रवास के दौरान वे किसानों को उनकी भूमि का उचित मुआवजा देने, भूमि अधिग्रहण से विस्थापित किसानों को पुनर्विस्थापित करने और उनके लिए वैकल्पिक रोजगार देने पर प्रदेश सरकार को आवश्यक निर्देश देेंगे।