चंबा
आपदा प्रबंधन योजना में शामिल होंगे मॉक ड्रिल के सुझाव — मुकेश रेपसवाल
चंबा जिले में प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास उपायुक्त एवं डीडीएमए अध्यक्ष मुकेश रेपसवाल की देखरेख में किया गया।
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मॉक ड्रिल का परिदृश्य:
खड़ामुख के समीप रावी नदी में भूस्खलन से बनी कृत्रिम झील से संभावित बाढ़ की स्थिति के आधार पर इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के तहत परिचालन तत्परता, समन्वय तंत्र और वास्तविक समय प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था।
घटनाक्रम और बचाव कार्य:
- सुबह 9:40 बजे: चमेरा-3 के मुख्य प्रबंधक को बांध प्रभारी से भूस्खलन से बनी झील की सूचना मिली।
- सूचना के बाद: जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को अलर्ट भेजा गया।
- सीआईएसएफ: डिप्टी कमांडेंट ने इंसिडेंट कमांडर की भूमिका निभाई।
- बचाव दलों की तैनाती: सीआईएसएफ, अग्निशमन, होमगार्ड, स्वास्थ्य, पुलिस, लोक निर्माण और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी करियां हेलीपैड पहुंचे।
- राहत कार्य: बग्गा डैम और मैहला घार में मशीनरी, उपकरण और मेडिकल टीम को तत्काल रवाना किया गया।
प्रभावी समन्वय और त्वरित कार्रवाई:
करियां के पास जलस्तर में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव दल ने समन्वित प्रयासों के तहत प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राहत कार्यों को अंजाम दिया।
डीडीएमपी में शामिल होंगे मॉक ड्रिल के सुझाव:
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने इस मॉक ड्रिल के सफल आयोजन पर सभी विभागीय अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया और अनुशासनबद्ध कार्यशैली की सराहना की।
उन्होंने कहा कि चंबा जिला प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से अति संवेदनशील है। ऐसे में मॉक ड्रिल से प्राप्त जानकारी को जिला आपदा प्रबंधन योजना (डीडीएमपी) में शामिल किया जाएगा ताकि भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके।
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