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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022 में सुंदरनगर शहर को मिली दूसरी रैंक

HNN/ मंडी

जिला मंडी के डीआरडीए समिति हॉल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एनजीटी मामलों संबंधी जिला स्तरीय टास्क फोर्स बैठक की आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त मंडी निवेदिता नेगी ने की। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी महकमे जन-जन को जागरूक करने के लिए ठोस कदम उठाना सुनिश्चित बनाएं।

निवेदिता नेगी ने बताया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022 में मंडी जिले के सुंदरनगर शहर को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु शहर के रूप में दूसरी रैंक मिली है। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार नेशनल क्लीन एयर कार्यक्रम के अंतर्गत 3 लाख से कम आबादी के के रूप में मिला है। ये मंडी जिला के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि सभी महकमें आपसी सामंजस्य से अपने कार्यक्षेत्र में तमाम शहरों, गांवों, कस्बों आदि में जाकर जन-जन को पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक मुहिम चलाई जाए। वहीं, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुंदरनगर शहर में पुलिस महकमें ने 32 वाहनों के वायु प्रदूषण संबंधी चलान काटे हैं।

सड़क परिवहन अधिकारी (आर.टी.ओ.) ने 13 चलान काटे हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिले के तमाम छोटे-बड़े शहरों में चिन्हित स्थानों पर क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सी.सी.टी.वी.) कैमरे लगाए गए हैं। इन सी.सी.टी.वी. की मदद से यातायात नियमों की सख्ती से अनुपालना कराई जाए। वहीं, पर्यावरण संरक्षण व यातायात नियमों बारे जन-जन को शिविरों, रैलियों आदि के जरिए जागरूक किया जाए।

प्लास्टिक बेस्टयुक्त सड़कें बनाई जाएं

अतिरिक्त उपायुक्त ने लोक निर्माण महकमे को कहा कि तय मानकों के मुताबिक नगर निकायों द्वारा एकत्रित प्लास्टिक बेस्ट को सड़क निर्माण की टायरिंग में उपयोग लाना सुनिश्चित बनाएं। वहीं, स्कूली बच्चों की रैलियों, शिविरों, गारबेज गाड़ियों के उपर लाउड स्पीकरों के जरिए जन-जन को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित किया जाए, ताकि लोगों को असुविधा पेश न आए। उन्होंने बताया कि मंडी शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए स्वीपिंग मशीन क्रय की गई है। इस मशीन के माध्यम से सप्ताह में दो-तीन बार शहर की सड़कों से धूल-मिट्टी आदि को एकत्रित किया जाता है।

निवेदिता नेगी ने एम.सी. के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मंडी जिला में अपने कार्यक्षेत्र में चिन्हित डंपिंग साइट पर पैनी नजर रखी जाए। वहीं, सड़क के साथ अवैध डंपिंग करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ नकेल कसी जाए। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भूजल प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत समयबद्ध तरीके से ठोस कदम उठाए जाएं।

उन्होंने कहा कि जिला के विविध स्थानों पर बोरवेल लगाने से पहले संबंधित व्यक्ति से पंजीकरण समेत तमाम औपचारिकताएं पूरी कराना सुनिश्चित बनाएं। जहां पहले से बोरवेल लगे हुए हैं, उनसे नियमानुसार पंजीकरण शीघ्र करवाए जाएं। निवेदिता नेगी ने स्वास्थ्य महकमे से कहा कि जैव अपशिष्ट जल (बायो बेस्ट वाटर) का सही तरीके से निस्तारण किया जाए।

वहीं, स्वास्थ्य व वन महकमें को अपने कार्यक्षेत्र में समयबद्ध सभी लक्ष्यों को पूरा करने को भी कहा। उन्होंने बताया कि मंडी जिले में माइनिंग विभाग ने 43 लाइसेंस जारी किए हैं। उन्होंने मंडी जिले के सभी महकमों को निर्देशित किया कि आपसी तालमेल से भू-खनन माफिया पर शिकंजा कसा जाए।

इस बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर एवं सदस्य सचिव अतुल परमार ने मदवार सभी मुद्दों को विविध विभागों के उपस्थित अधिकारियों व प्रतिनिधियों के समक्ष समीक्षा के लिए बिंदुवार प्रस्तुत किया।

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