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HNN / शिमला

प्रदेश में 2 अक्टूबर को सभी जिलों में आमसभा हुई थी। जिसके चलते जो लोग पिछले कई सालों से सरकारी नौकरी होते हुए बीपीएल परिवारों की सूची में रहकर जीवन यापन कर रहे थे, उनके नाम बीपीएल सूची से काटे जाने के आदेश दिए गए। बता दें कि प्रदेश में काफी लोग ऐसे हैं जिनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनके पास चौपहिया वाहन, पक्के मकान है, फिर भी यह लोग बीपीएल सूची में रहकर आराम से अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

ऐसे लोगों के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है। बता दें कि जिला ऊना में जहां 12 ऐसे परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटे गए तो वही जिला सिरमौर में भी तकरीबन 45 ऐसे परिवारों के नाम काटे गए। बता दे कि अब केवल उन्हीं लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा जो बीपीएल सूची में शामिल होने के असली हकदार है।

प्रदेश के सभी जिलों में इस मामले को लेकर कार्यवाही लगातार जारी है। पंचायत प्रधान डाटा एकत्रित करने में जुटे हुए हैं और जो इस बीपीएल सूची में शामिल होने के असली हकदार है उन्हें शामिल कर बाकियों को बीपीएल से बाहर कर रहे हैं।

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