केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट पेश कर दिया है। इस बजट में महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों का खासा ख्याल रखा गया है। इस बार सबसे बड़ी बात यह रही कि नौ साल बाद टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने राहत देते हुए ऐलान किया कि अब 7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।
इन सबके बीच सबसे खास बात यह रही कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार अपना सबसे छोटा बजट भाषण पढ़ा है। उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सिर्फ 87 मिनट का बजट भाषण पढ़ा। बजट में अलग-अलग सेक्टरों को लेकर कई ऐलान किए गए हैं, लेकिन आम आदमी को किन चीजों पर राहत मिली और क्या चीजें महंगी हो गई। आइए जानते हैं।
क्या हुआ सस्ता
बजट में खिलौने पर लगने वाले सीमा शुल्क को घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया है। इससे खिलौने की कीमत में कमी आएगी।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरी पर कस्टम ड्यूटी को माफ कर दिया गया है। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वाहन सस्ते हो जाएंगे।
मोबाइल फोन में उपयोग होने वाली लिथियम बैटरी पर भी सीमा शुल्क को कम कर दिया है।
टेलीविजन पैनल पर आयात शुल्क कम कर 2.5 प्रतिशत कर दिया है।
क्या हुआ महंगा
सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक को 16 फीसदी बढ़ाया गया है। इससे सिगरेट महंगी हो जाएगी।
सोना, चांदी और प्लैटिनम से बनी आयात से बनी इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी हो गई है।
इलेक्ट्रिक किचन चिमनी महंगी , तांबा आदि भी महंगे हो गए हैं।
रेलवे के लिए अब तक का सबसे बड़ा आवंटन
2.40 लाख करोड़ का पूंजीगत प्रावधान रेलवे के लिए किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। यह 2013-14 में दिए गए आवंटन से नौ गुना ज्यादा है। खाद्यान्न और बंदरगाहों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एयरोड्रोम का नवीनीकरण किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सके।
सात लाख तक अब कोई टैक्स नहीं
अभी जिनकी पांच लाख रुपये की कर योग्य आमदनी है, उन्हें दोनों कर व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना होता था। अब यह लिमिट सात लाख रुपये होगी। छूट की यह सीमा नई कर व्यवस्था में बढ़ाई गई है। पुराने रिजीम के स्लैब में बदलाव को लेकर कोई ऐलान नहीं किया है।
इनकम टैक्स का स्लैब बदला
नए रिजीम में आयकर में छूट की शुरुआती सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह सीमा ढाई लाख रुपये थी।
लीव एनकैशमेंट
गैर-सरकारी वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट में आयकर छूट की सीमा 2002 में तीन लाख रुपये तय की गई थी। उस वक्त सरकार में उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपये होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जा रहा है। यानी 25 लाख रुपये तक के लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्या रहा खास
केंद्रीय बजट 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को 86,200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
बजट 2023-24 में हेल्थ सेक्टर को लेकर वित्तमंत्री ने इन विषयों पर जोर दिया।
कोविड-19 से मुकाबले के लिए 220 करोड़ कोविड टीके दिए गए।
2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन स्थापित किया जाएगा। प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 40 साल तक के 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार इस बीमारी (एनीमिया) को खत्म करने को लेकर काफी अलर्ट मोड में है।
फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान के लिए नए कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे।अनुसंधान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सार्वजनिक और निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा अनुसंधान के लिए आईसीएमआर की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कृषि क्षेत्र के लिए क्या-क्या हुईं घोषणाएं
सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए ऋण का दायरा बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा।
किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया है। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है।
केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है।
बजट में गरीबों के लिए क्या-क्या हुए ऐलान
- आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा : बजट में गरीबों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़ा एलान आवासीय योजना को लेकर हुआ। पिछले साल के मुकाबले सरकार ने इस बार आवासीय योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिछली बार आवासीय योजना के 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके जरिए देशभर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 80 लाख घरों का निर्माण किया गया। पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है।
- गरीब परिवार को अगले साल तक मुफ्त राशन : केंद्र सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल यानी 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का एलान किया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
- जेल में बंद गरीबों की रिहाई कराएगी सरकार : जेल में बंद गरीबों के मुद्दे को पहली बार केंद्र सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है। इसके अनुसार, पैसों की तंगी के चलते जो कैदी जेल से बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी। ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम न होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं। अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है।