HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का आज वित्त मंत्री द्वारा जारी बजट को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बजट 2023-24 में हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। हिमाचल में रेल और राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
आयकर दरों में किया बदलाव पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को इससे और ज्यादा छूट की उम्मीद थी। यह बजट केवल समृद्ध लोगों के पक्ष में है। महंगाई से परेशान मध्यम वर्ग को निराशा हुई है। कर्ज के बोझ से जूझ रहे राज्यों के लिए बजट में कोई विशेष छूट नहीं है।
हिमाचल ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्य भी कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं। इनमें पंजाब, दिल्ली और मध्य प्रदेश हैं। सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती तो कम से कम हिमाचल को विशेष ग्रांट दे सकती थी। वर्तमान सरकार को पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है। कर्मचारियों और पेंशनरों की 11 हजार करोड़ की देनदारी बकाया है।
बजट में छोटे पहाड़ी राज्यों के लिए जून 2022 से समाप्त जीएसटी प्रतिपूर्ति को फिर से शुरू करने के लिए कुछ नहीं कहा गया है। इसकी राज्य के लोगों को काफी उम्मीदें थीं। न ही बजट में किसी अन्य माध्यम से वित्तपोषण की बात कही गई है। यह बजट हिमाचल के लिए निराशाजनक रहा है।