नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया शुरू
हिमाचल प्रदेश में पंचायतों का पुनर्सीमांकन तेजी से शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने नई पंचायतों के गठन को लेकर जनता से प्रस्ताव मांगे थे, जिनमें अब तक 600 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। पंचायत क्षेत्रों के पुनर्सीमांकन का उद्देश्य प्रशासनिक सुधार और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।
नगर निकायों में शामिल हो रहीं पंचायतें
राज्य सरकार ने पंचायतों के कुछ क्षेत्रों को नगर निकायों और नगर परिषदों में मिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम से:
- पंचायतों का दायरा घटेगा।
- नई घोषित नगर निकायों का विस्तार होगा।
हालांकि, इस बदलाव का कुछ जगहों पर विरोध भी हो रहा है।
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जनता के विरोध का कारण
कई पंचायतों के लोगों ने नगर निकायों में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई है। उनके अनुसार:
- हाउस टैक्स और अन्य करों का बोझ: नगर निकायों में शामिल होने से स्थानीय निवासियों को अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
- पंचायतों में रहने की मांग: लोग अपने क्षेत्रों को पंचायतों में ही बनाए रखने की मांग कर रहे हैं ताकि टैक्स का बोझ न बढ़े और पारंपरिक पंचायत प्रणाली जारी रहे।
किन क्षेत्रों को किया गया शामिल
राज्य सरकार ने पुनर्सीमांकन के तहत विभिन्न पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों में जोड़ा है। कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
- पांवटा साहिब नगर परिषद: ग्राम पंचायत बदरीपुर।
- कुनिहार नगर पंचायत: कुनिहार, हाटकोट और कोठी।
- शिलाई नगर पंचायत: ग्राम पंचायत शिलाई और बेला।
- हमीरपुर नगर परिषद: भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी-झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन।
- सुन्नी नगर पंचायत: घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी।
हिमाचल में पंचायतों की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कुल 3615 पंचायतें हैं। पंचायतों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने की संभावना है।
आगे की योजना
राज्य सरकार ने जनता से पुनर्सीमांकन के लिए सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। कुछ क्षेत्रों के लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।
- यह प्रक्रिया हिमाचल की पंचायत प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
- नई पंचायतों का गठन प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने में मदद करेगा।
पंचायतों के पुनर्सीमांकन और नगर निकायों में क्षेत्रीय बदलाव को लेकर हिमाचल प्रदेश में हलचल है। जहां सरकार इसे विकास और प्रबंधन सुधार का कदम मान रही है, वहीं जनता के बीच इसको लेकर असमंजस और विरोध भी देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इन आपत्तियों का समाधान कैसे करती है और नई पंचायतों का गठन कब तक पूरा होता है।
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