Milk Processing Plant : राज्य सरकार ने ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त करने के लिए छह नए दूध संयंत्रों की स्थापना का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
शिमला
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डेयरी क्षेत्र को मिल रहा नया बल
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
मिशन मोड पर गठित होंगी डेयरी सहकारी समितियां
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पशुपालन विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में डेयरी सहकारी समितियों को मिशन मोड पर गठित किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। फिलहाल प्रदेश की 910 ग्राम पंचायतों में ऐसी समितियां काम कर रही हैं।

ढगवार संयंत्र की निगरानी के लिए समिति गठित होगी
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले में बन रहे 225 करोड़ रुपये की लागत वाले ढगवार दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की समीक्षा करते हुए इसकी प्रगति की निगरानी हेतु एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। इस संयंत्र की क्षमता 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन की होगी, जो कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और चंबा के किसानों के लिए लाभकारी होगा।
छह नए संयंत्रों की योजना
उन्होंने बताया कि झलेड़ा (ऊना), झलाड़ी (हमीरपुर), नाहन (सिरमौर), मोहल (कुल्लू), नालागढ़ (सोलन) और रोहड़ू (शिमला) में कुल 120 करोड़ रुपये की लागत से छह नए दुग्ध संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों से दूध संग्रहण और प्रसंस्करण की सुविधा सुदृढ़ होगी।
दूध के दाम में बढ़ोतरी और हिम-घी को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 51 रुपये और भैंस के दूध का 61 रुपये प्रति लीटर किया है। मुख्यमंत्री ने मिल्कफेड को निर्देश दिए कि पहाड़ी गाय के दूध से बने हिम-घी ब्रांड को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने गौ सदनों की स्थापना में तेजी लाने को भी कहा।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group