Himachalnow / शिमला
शिमला जिला: पानी के संकट और जल वितरण घोटाले पर महापंचायत
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग में पेयजल आपूर्ति में गड़बड़ी और जल वितरण घोटाले को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया। क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के लोगों ने दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द मामला दर्ज करने और पानी की किल्लत का समाधान करने की मांग की।
महापंचायत में हुआ जुलूस और ज्ञापन सौंपा गया
महापंचायत के दौरान स्थानीय लोगों ने विश्राम गृह से लेकर एसडीएम कार्यालय तक जुलूस निकाला। इसके बाद उन्होंने एसडीएम ठियोग को ज्ञापन सौंपा। महापंचायत में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और एक स्वर में दोषी अधिकारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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महापंचायत में नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की तीखी टिप्पणियां
राजेंद्र राजन: स्वतंत्रता सेनानी सूरत राम प्रकाश के पुत्र राजेंद्र राजन ने अपने संबोधन में ठियोग की दुर्दशा के लिए क्षेत्र के विधायक, जन प्रतिनिधियों, मीडिया और आम लोगों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने युवाओं को एकजुट होकर व्यवस्था बदलने का आह्वान किया।
कड़ी टिप्पणी: “आजादी के 75 साल बाद भी जनता को पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरसना पड़ रहा है। अधिकारियों और नेताओं ने जनता को भीख मांगने पर मजबूर कर दिया है।”
अजय श्याम (भाजपा नेता): अजय श्याम ने जल वितरण घोटाले पर विजिलेंस जांच की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि केंद्र से आपदा राहत के तहत जो 90 प्रतिशत फंड आया था, उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। अगर घोटाले पर FIR दर्ज नहीं हुई तो उच्च न्यायालय का रुख करेंगे और केंद्र से ईडी जांच की मांग करेंगे।
घोटाले के गंभीर आरोप और समस्या का समाधान
अजय श्याम ने यह भी बताया कि गर्मियों में जल वितरण के लिए केंद्र से आया फंड घोटाले की भेंट चढ़ गया। इसके साथ ही अधिकारियों पर लोगों को गंदा पानी पिलाने का भी गंभीर आरोप लगाया गया। भाजपा नेता ने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी की ओर से इस मुद्दे को सुलझाने में हरसंभव मदद की जाएगी।
पानी की समस्या से त्रस्त ठियोग की जनता
महापंचायत में लोगों ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि ठियोग में पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी सही तरीके से मुहैया नहीं हो रही हैं। गंदा पानी मिलने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
आगे की रणनीति
महापंचायत के निर्णय अनुसार:
- दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
- यदि कार्रवाई नहीं हुई तो मामला उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा।
- केंद्र सरकार से ईडी जांच की मांग की जाएगी।
निष्कर्ष:
ठियोग में पेयजल घोटाला और पानी की कमी ने जनता को आक्रोशित कर दिया है। महापंचायत में उठाए गए मुद्दे अब एक बड़ी लड़ाई का रूप ले सकते हैं। जनता और स्थानीय नेता जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि जल संकट का समाधान हो और दोषियों को सजा मिले।
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