उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर कहा कि यह आयोजन खास है क्योंकि यह 144 वर्षों के बाद एक विशेष शुभ मुहूर्त पर हो रहा है। उन्होंने महाकुंभ को भारत और दुनिया के लोगों के लिए एक शानदार अवसर बताते हुए कहा कि इस आयोजन के जरिए श्रद्धालुओं को भारत की आध्यात्मिक विरासत को जानने और समझने का अद्वितीय अनुभव मिलेगा, खासकर संतों के मार्गदर्शन से।
40 करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी का अनुमान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘गोरखपुर महोत्सव 2025’ के समापन समारोह में यह बयान दिया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक 45 दिन चलेगा, और इस आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। सीएम योगी ने यह भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हिस्सा बनना किसी अन्य देश के लिए संभव नहीं है, और यह केवल भारत और चीन जैसे विशाल आबादी वाले देशों में ही हो सकता है।
महाकुंभ में विशेष कारीगरी का आगाज
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। इस बार श्रद्धालु अक्षय वट कॉरिडोर, मां सरस्वती मंदिर, बड़े हनुमान मंदिर, महर्षि व्यास और भगवान राम तथा निषादराज कॉरिडोर का निर्माण देख सकेंगे। इसके अलावा, श्रद्धालु नाग वासुकी, द्वादश ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा भी कर सकेंगे।
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महाकुंभ का आयोजन 10 हजार एकड़ क्षेत्र में
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार महाकुंभ का आयोजन 10 हजार एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है। आयोजन की शुरुआत से पहले ही 35 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच चुके थे। उन्होंने श्रद्धालुओं से मकर संक्रांति के दिन बाबा गोरखनाथ में खिचड़ी चढ़ाने की अपील की और फिर महाकुंभ जाने के लिए प्रेरित किया।
महाकुंभ 2025, न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि यह भारत की धार्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि को दुनिया के सामने पेश करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
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