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मुख्यमंत्री बोले- प्रदेश सरकार का बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा करेगा तय

HNN / शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वार्षिक योजना 2023-24 के लिए ऊना, हमीरपुर, कुल्लू तथा सिरमौर जिला के विधायकों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के दृष्टिकोण से अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत करें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में विचार-विमर्श और परामर्श से हमें प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। राज्य के लिए वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता है, जिसमें विपक्ष का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्चे कम करने होंगे। सुक्खू ने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास और सभी वर्गों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।

सरकार का आने वाला बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा तय करेगा जिस पर सरकार की योजनाएं लक्षित होंगी। उन्होंने अधिकारियों को संतुलित योजनाएं तैयार करने और इनके कार्यान्वयन को गति प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वार्षिक योजना 2023-24 का आकार 9523.82 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।

राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी। जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने एवं कुशल प्रशासन प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। व्यवस्था में परिवर्तन के जरिए सभी लक्ष्य प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टेंडर की अधिसूचना के लिए 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है, जबकि टेंडर अवार्ड करने के लिए 20 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा उपायुक्तों से आग्रह किया कि विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं व शिकायतों को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न करें और उनके बहुमूल्य सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही  करें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 962 करोड़ के बजट का परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2023 से पहले जमा करें।

उन्होंने विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनाने में होने वाले विलंब को कम करने के लिए एफसीए, एफआर और गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करेंगे जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।