Himachalnow / मंडी
सरकार ने 3 रुपये प्रति किलो की दर से की गोबर की खरीद, प्राकृतिक खाद को मिलेगा बढ़ावा
गोबर समृद्धि योजना के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों और पशुपालकों से 3 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीद रही है। जोगिंदर नगर के तीन किसानों को योजना का लाभ मिला, जिनके बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया। इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता और प्राकृतिक खाद के उपयोग से खेतों की उर्वरता बढ़ाने का लाभ मिलेगा। अधिकारियों ने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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जोगिंदर नगर के किसानों को योजना का लाभ
प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपनी एक और गारंटी को पूरा करते हुए गोबर समृद्धि योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से 3 रुपये प्रति किलो (300 रुपये प्रति क्विंटल) की दर से गोबर की खरीद शुरू कर दी है। इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के 100 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 1 लाख रुपये वितरित किए गए हैं।
जोगिंदर नगर के सेरी गांव के तीन किसान और पशुपालक, लक्ष्मण दास, भाग चंद और संजीव कुमार, इस योजना के लाभार्थियों में शामिल हैं।
किसानों को सीधे बैंक खातों में मिला भुगतान
- लक्ष्मण दास ने 4 क्विंटल गोबर बेचा, जिसके बदले उन्हें 1200 रुपये उनके बैंक खाते में मिले।
- भाग चंद ठाकुर ने 4.5 क्विंटल गोबर बेचा, और उन्हें 1350 रुपये प्राप्त हुए।
- संजीव कुमार ने 3.5 क्विंटल गोबर बेचा, जिसके बदले उन्हें 1050 रुपये की राशि मिली।
किसानों ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे गोबर का उपयोग प्राकृतिक खाद और वर्मी कंपोस्ट बनाने में होगा, जिससे न केवल खेतों की उर्वरता बढ़ेगी, बल्कि रासायनिक खाद पर खर्च भी कम होगा।
प्राकृतिक खाद को मिलेगा प्रोत्साहन
गोबर समृद्धि योजना से किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा।
- आर्थिक सहायता: गोबर बेचने से किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय हो रही है।
- खेतों की उर्वरता: प्राकृतिक खाद का उपयोग करके रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी, जिससे फसलें स्वस्थ और शुद्ध बनेंगी।
अधिकारियों की राय और योजना का प्रचार
विषय विशेषज्ञ सोनम कुमारी ने बताया कि कृषि विभाग ने बीज गुणन फार्म के लिए गोबर की खरीद स्थानीय किसानों से की है।
एसडीएम मनीष चौधरी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस योजना का प्रचार-प्रसार करें, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
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