दीवाली तथा गुरूपर्व पर पटाखे चलाने के लिए समय निर्धारित

रात आठ बजे से इतने बजे के बीच ही फोड़ सकेंगे पटाखे

HNN / कांगड़ा

 आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए जिला कांगड़ा के सभी शहरों तथा कस्बों में ग्रीन पटाखों के ही भंडारन, बिक्री व इस्तेमाल की अनुमति होगी। जिला मजिस्टेट कांगड़ा डॉ.निपुण जिंदल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 33 तथा 34 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए और बड़्रे पैमाने पर जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा के हित में आदेश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा के सभी शहरों तथा कस्बों में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति होगी।

दीवाली व गुरूपर्व जैसे त्योहारों पर रात आठ बजे से रात 10 बजे के बीच, छटपूजा के दौरान प्रातः छः बजे से प्रातः आठ बजे तक, क्रिसमस व नववर्ष के दौरान रात 11.55 से रात 12.30 बजे के बीच ही पटाखों के प्रयोग की अनुमति रहेगी। उपायुक्त ने बताया कि उपमंडल मजिस्टेट कोविड-19 के बढ़ने की सम्भावना को देेखते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में सभी स्त्रोतों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष अभियान शुरू करेंगे।

उन्होंने बताया कि पटाखों की खुदरा या थोक बिक्री के लिए सम्बन्धित उपमंडल मजिस्टेट द्वारा पूर्व निर्धारित या निर्दिष्ट अस्थायी, खुले और सुरक्षित स्थानों में उनकी पूर्व अनुमति लेने के बाद ही सम्भव होगी। उन्होंने बताया की बाजारों, सरकारी कार्यालयों, साइलेंस जोन और हेरिटेज भवनों के आस-पास पटाखे फोड़ने की सख्त मनाही है। उन्होंने कहा कि सभी नगर निगम, नगर परिषद तथा नगर पंचायत पटाखों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।

जिला मजिस्टेट डॉ.निपुण जिंदल ने जिला कांगड़ा के समस्त उपमंडलाधिकारियों, पुलिस उप अधीक्षकों एवं कार्यकारी दंड़ाधिकारियों को आदेशों की अनुपालना करने तथा निर्देशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश देते हुए उन्हें प्राधिकृत किया है। जिला दंडाधिकारी ने बताया कि किसी अधिकारी, कर्मचारी या अन्य व्यक्ति द्वारा उपरोक्त्त निर्देशों की अनुपालना में किसी तरह की बाधा, प्रतिरोध या नकार करने पर आइपीसी, 1860 की धारा 269-70 तथा आपदा प्रबन्धन 2005 की धारा 51 एवं 55 के तहत दंडित किया जा सकता है।



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