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फील्ड मार्शल’ नेगी का बड़ा ऐलान: अफवाहबाजों पर होगी सख्त कार्रवाई

Shailesh Saini | 2 दिसंबर 2025 at 9:46 am

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मणिमहेश यात्रा: अब लंगर लगाने वालों से नहीं लिया जाएगा कोई शुल्क

धर्मशाला।:

​कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधानसभा में बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अफवाहें फैलाने वालों पर अब सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछली आपदा के दौरान अफवाहें फैलाने वाले भी यही थे, जिन पर इस बार नरमी बरती गई, पर अगली बार ऐसी गलती बर्दाश्त नहीं होगी।

कांग्रेस के फील्ड मार्शल के नाम से भी जाने जाने वाले श्री नेगी ने इसी के साथ एक जनहितैषी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि चंबा जिला में आयोजित होने वाली पवित्र मणिमहेश यात्रा के लिए राज्य सरकार एसओपी (Standard Operating Procedure) बनाएगी। यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है।

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लंगर लगाने वालों को 25,000 शुल्क से मुक्ति

​राजस्व मंत्री ने बताया कि यात्रा में सेवा के लिए जो सामाजिक संस्थाएं लंगर लगाती हैं, चाहे वे हिमाचल की हों या बाहरी राज्यों की, उनसे अब कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। विधायक नीरज नैयर के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक इन संस्थाओं से 25,000 का शुल्क लिया जाता था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। मंत्री ने विधायक जनकराज के अनुपूरक सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि भरमौर में आपदा के दौरान लंगर बहने की कोई सूचना नहीं है, और जिनके लंगर बह गए हैं, उनसे भी किसी तरह के पैसे नहीं लिए जाएंगे।

16,000 श्रद्धालु रेस्क्यू, 17 की मौत

​राजस्व मंत्री ने प्रश्नकाल में बताया कि आपदा के दौरान सरकार ने 16,000 श्रद्धालुओं को मणिमहेश यात्रा से सुरक्षित रेस्क्यू किया। इसके लिए 233 सरकारी बसों, दो निजी हेलीकॉप्टरों और वायु सेना के एमआई-17 व चिनूक हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि वायु सेना का 5 करोड़ से अधिक का भुगतान अभी बाकी है, जिसे मंत्रिमंडल से मंजूरी दी गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने सदन में कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान सोशल मीडिया ने हजारों लोगों की मौत बता दी थी, जबकि वास्तविकता में वहां 17 लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023 की आपदा के लिए केंद्र सरकार से पीडीएनए के तहत केवल 451 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जबकि 9,300 करोड़ रुपये का आकलन किया गया था।

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