HNN / शिमला
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल की किसान महिलाएं जिस उत्साह के साथ प्राकृतिक कृषि पद्धति को अपना रही हैं, वह देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण और प्रेरणास्रोत है। राज्यपाल ने कहा कि किसान महिलाओं का योगदान प्रेरणादायक है और उनके योगदान से हिमाचल देश में प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्य बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती का श्रेय प्रदेश के किसानों को दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश की ओर से आश्वासन दिया है कि राज्य में शीघ्र ही इस पद्धति को अपनाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। इस दिशा में महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती को घर का चिकित्सक बताया क्योंकि प्राकृतिक खेती के उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। उन्होंने कहा कि यह पद्धति नई नहीं है और यह हमारी पारंपरिक प्रणाली रही है।
उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि राज्य में 1.68 लाख किसान इससे जुड़े हैं और 55 प्रतिशत महिलाएं इस पद्धति से कार्य कर राज्य को नई दिशा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत 25,000 एकड़ भूमि को लाया गया है। प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक डाॅ. राजेश्वर चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया और तीन दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत जानकारी प्रदान दी।