Himachalnow/शिमला
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार के लिए सियासी संतुलन बैठाना चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि छह मुख्य संसदीय सचिवों के इस्तीफे के बाद कई निगमों और बोर्डों में महत्वपूर्ण पद खाली हो गए हैं। इन पदों पर सीपीएस से हटाए गए विधायकों की नियुक्ति हो सकती है, जो कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में भी शामिल हो सकते हैं। सरकार इन मुद्दों पर विचार कर रही है और जल्द ही कुछ निर्णय ले सकती है।
कांगड़ा और सोलन जिलों से दो-दो विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था, जबकि कुल्लू-शिमला से एक-एक विधायक को यह जिम्मेदारी दी गई थी। इनमें से कुछ विधायकों को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया है, जिनमें से कुछ का प्रतिनिधित्व अब पहले के मुकाबले कम हो गया है।
इसके अलावा, कई निगमों और बोर्डों में अभी भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली हैं, जिनमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि उपज विपणन बोर्ड, महिला आयोग, खादी ग्रामोद्योग, खाद्य आपूर्ति निगम, हिमफैड, मिल्कफेड, सक्षम गुड़िया बोर्ड, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम शामिल हैं। सरकार जल्द ही इन पदों पर नियुक्तियां कर सकती है।