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सिरमौर में अवैध माइनिंग पर अंकुश लगा वसूला गया लाखों का जुर्माना

Published ByPARUL Date Nov 18, 2024

लंबित खनन पट्टों की अलॉटमेंट कर जुटाया पच्चीस करोड़ से अधिक का राजस्व

Himachalnow/नाहन

जिला सिरमौर खनन विभाग के द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। विभाग के द्वारा अक्टूबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक यानी 7 महीनों में अवैध खनन के 290 मामले दर्ज किए। जिनमें से 160 मामलों को कंपाउंड करते हुए 17 लाख ₹50 हजार का राजस्व भी जुटाया है। इन कल 290 मामलों में से जहां 160 मामले कंपाउंड हुए हैं तो वहीं इसमें से 130 मामले ऐसे हैं जो न्यायालय में विचाराधीन है। अब यदि पुलिस विभाग की बात की जाए तो विभाग के द्वारा वर्ष2023 अक्टूबर से अक्टूबर 2024 तक अवैध खनन पर अंकुश लगाते हुए 1147 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मामलों के तहत 63 लाख 8 हजार रुपए का राजस्व भी जुटाया गया है।

हालांकि वन विभाग के द्वारा भी इलीगल माइनिंग को लेकर काफी मामले दर्ज किए गए हैं जिसका रिकॉर्ड हमें नहीं मिल पाया।इसके अलावा खनन संपदा के दोहन में भी विभाग के द्वारा बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। जिला सिरमौर खनन विभाग के द्वारा जहां 1 अप्रैल 2023 से लेकर 31 मार्च 2024 तक स्वीकृत किए गए खनन पट्टों के तहत 34.3 करोड़ का राजस्व जुटाया गया था तो वही 1 अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक यानी 7 महीनों में स्वीकृत किए गए खनन पट्टों के तहत 25.68 करोड रुपए का राजस्व जुटाया गया है।


यानी कहां जा सकता है कि 32 महीना में जिला सिरमौर खनन विभाग के द्वारा सरकारी खजाने में 59.51 करोड रुपए का राजस्व जुटाया गया है। जानकारी तो यह भी है कि पूर्व में विभागीय खामियों के चलते खनन पट्टों की अलॉटमेंट लंबित पड़ी हुई थी। जिसके चलते मिनरल संपदाओं का उचित दोहन नहीं हो पा रहा था।जिला सिरमौर का खनन विभाग स्टाफ के टोटे के बावजूद जहां अवैध खनन पर अंकुश लगाने में कामयाब हुआ है तो वहीं लंबित खनन पट्टों की अलॉटमेंट करने में भी कामयाब हुआ है। इस एलॉटमेंट के बाद जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है तो वहीं सरकारी खजाने में भी बढ़ोतरी हुई है।इससे भी अच्छी बात तो यह भी रही की डिस्टिक मिनिरल फाऊंडेशन ट्रस्ट के तहत मीनिंग क्षेत्र के आसपास की पंचायत के विकास कार्यों में भी बजट उपलब्ध कराया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएमएफटी के तहत जो 33 करोड़ का बजट केंद्र के द्वारा दिया गया था उसमें से 27.95 करोड़ खर्च किया जा चुका है। इस पेज से माइनिंग एरिया के आसपास की पंचायत में पार्क व अन्य डेवलपमेंट वर्क किए गए हैं तो वही कोरोना कोविड कल में 3 करोड़ से भी अधिक की सहायता राशि डीएमएफटी के तहत दी गई थी।कुल मिलाकर कहा जाए तो खनन मंत्री के गृह जिला में खनन विभाग के द्वारा जो बीते 1 वर्ष में बेहतर प्रदर्शन किया गया है उसे न केवल इलीगल माइनिंग पर अंकुश लगा है बल्कि सरकारी खजाने को भी अच्छा खासा लाभ मिला है।
खबर की पुष्टि जिला खनन अधिकारी कुलभूषण शर्मा के द्वारा की गई है।

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