Governor honored Padmashree Vidyanand Saraik of Sirmaur district

सिरमौर जिला के पद्मश्री विद्यानंद सरैक को राज्यपाल ने किया सम्मानित

HNN / शिमला

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में विद्यानंद सरैक को सम्मानित किया, जिन्हे हाल ही में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से अलंकृत किया गया है। राज्यपाल ने विद्यानंद सरैक को परिवार सहित राजभवन में भोज के लिए आमंत्रित किया। राज्यपाल ने उन्हें ‘प्रशस्ति पत्र’, हिमाचली शॉल व टोपी तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने उनकी धर्मपत्नी गीता सरैक को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि यह हिमाचलवासियों के लिए गर्व की बात है कि विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरैक ने हिमाचली संस्कृति और सिरमौर की पारम्परिक सांस्कृतिक विरासत के संवर्द्धन के लिए सराहनीय कार्य किया है। उन्हें विश्वास जताया कि उनका यह अनथक प्रयास हिमाचली संस्कृति तथा लोक विद्याओं को नई ऊंचाइयों की ओर लेकर जाएगा। यह सम्मान अन्य कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा तथा उनमें नई ऊर्जा एवं स्फूर्ति का संचार करेगा। राज्यपाल ने कहा कि विद्यानंद सरैक की कला की पूरे देश ने सराहना की है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल में देव परम्परा लोक संस्कृति से जुड़ी है।

इस संगीत परम्परा को जीवित रखने के लिए अनुसंधान और शोध की आवश्यकता है। उनका प्रयास है कि हिमाचल में संगीत महाविद्यालय स्थापित किया जाए ताकि यह परम्परा आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति की अनेक विशेषताएं हैं, जिन्हें समझने और भावी पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर, पदमश्री विद्यानंद सरैक ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि अपनी उच्च संस्कृति को आश्रय देने से समाज और देश आगे बढ़ेगा।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार की सादगी और संस्कृति के संरक्षण में योगदान की चर्चा की और कहा कि उनकी प्रेरणा से ही वह इस दिशा में आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्यपाल द्वारा राजभवन बुलाकर इस तरह सम्मानित करने से वह निश्चित हैं कि उन्हें देखने वाला भी कोई है।


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