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सात साल से निसंतान दंपत्ति को मिली जुड़वा बच्चों की सौगात

HNN/ नाहन

कहते है कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं। सात साल के लम्बे इंतज़ार के बाद अम्बाला निवासी परविंदर सिंह और सर्वजीत कौर के घर जुडवा बच्चों ने जन्म लिया। बाँझपन रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रद्धा बेदी से इलाज़ के बाद दंपत्ति के घर गोद भराई की गुड न्यूज़ आई। जुडवा बच्चो में एक बेटी-एक बेटा हुआ। पिता परविंदर सिंह ने बताया कि पिछले सात सालों से संतान सुख से वंचित थे। जिसने जहाँ बताया वहाँ इलाज के लिए गए लेकिन हर जगह से निराशा ही हाथ लगी।

हरियाणा-पंजाब में इलाज में भी सफलता न मिलने पर दुबई तक इलाज के लिए गए, मगर फिर भी संतान सुख न मिल पाया। उसके बाद दोस्त के कहने पर एक आखरी कोशिश की और श्री साई अस्पताल अम्बाला कैंट में डॉ. श्रद्धा बेदी से मिले। डॉक्टर ने जैसे-जैसे हमारा मार्गदर्शन किया उसी प्रकार हम करते रहे और डॉ. श्रद्धा बेदी के इलाज़ से सात साल के बाद मेरा परिवार पूरा हुआ। मालिक की कृपा से बेटा-बेटी दोनों मिल गए।

पिता परविंदर सिंह एवं माँ सर्वजीत कौर ने डॉ. श्रद्धा बेदी एवं डॉ दिनेश बेदी और पूरे श्री साई अस्पताल टीम का आभार व्यक्त किया। डॉ. श्रद्धा बेदी ने बताया कि दम्पति 2015 से संतान सुख के लिए कोशिश कर रहा था। पिता की उम्र 40 वर्ष और माँ की उम्र 35 वर्ष थी। दम्पति का हमने बांझपन रोग का इलाज शुरू किया। जैसे-जैसे दम्पति को कहाँ उन्होंने पूरे विश्वाश के साथ किया। माँ ने तीसरे महीने गर्भ धारण किया। उसके बाद भी पूरे नौ महीने तक इनका इलाज चलता रहा।

आज माँ ने सकुशल दो बच्चो को जन्म दिया जिसमें एक लड़की एक लड़का हुआ है। इसके साथ ही दम्पति का परिवार पूरा होने का सपना सच हो पाया। हमारे श्री साई अस्पताल में पिछले लगभग 16 सालों से नई संतान दम्पति का इलाज कर उन्हें माता-पिता बनने का सुख देने में हम मदद कर रहे है। अब तक हज़ारों रोगियों का सफल इलाज के बाद स्वस्थ बच्चों ने जन्म लिया।

डॉ श्रद्धा बेदी ने बताया कि आज के आधुनिक दौर में माता-पिता बनना और सरल हो गया है बस जरुरत है सही मार्ग दर्शन की और दंपित के अटूट विश्वास की। ऐसे में सफलता जरूर मिलती है। श्री साई अस्पताल में बाँझपन के इलाज के लिए हर आधुनिक तकनीक के साथ साथ 16 वर्षों का अनुभव भी है।


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