लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

शीतकालीन प्रवास कड़ियाणा मंदिर पंहुचे गोण देवता

PRIYANKA THAKUR | 6 नवंबर 2021 at 12:11 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

HNN / संगड़ाह

अपने एक मंदिर में केवल छः माह तक रहने वाले गोण देवता शुक्रवार को शीतकालीन प्रवास के लिए उपमंडल संगड़ाह के गांव स्थिति कड़ियाणा मंदिर चले गए। बैसाखी से दीपावली तक उक्त देवता गृष्मकालीन प्रवास के दौरान क्षेत्र के गांव डुंगी में रहते हैं। गोण अथवा गण देवता के प्रस्थान से पूर्व उनके मंदिर में डुंगी व पालर गांव के सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने पारम्परिक पोड़ोई पूजन किया।

इस दौरान हर घर का एक सदस्य देवता को घी, अखरोट व अनाज चढ़ाता है और इस परम्परा को भेंट कहा जाता है। पारम्परिक वाद्य यंत्र दमेनू, ढोल व नगाड़े की ताल पर पूजा-अर्चना के साथ देवता की अनुमति के बाद शोभायात्रा रवाना हुई। कड़ियाना मंदिर में प्रवेश से पूर्व देवता साथ लगते गांव लुधियाना, तिरमलगा व कशलोग के लोग भेंट के लिए पहुंचे, जहां उन्हें अनाज, घी तथा अन्य चीजें भेंट करने की परम्परा निभाई।

गौरतलब है कि, गोण महाराज क्षेत्र के एक मात्र देवता है जिनके विशेष जागरण के दौरान सात भेंट चढ़ती है और इसमे काफी खर्च होता है। इनकी आराधना की पद्धति भी अलग है। बहरहाल करीब तीन शताब्दी पुरानी परम्परा के अनुसार देवता छः माह के शीतकालीन प्रवास पर निकल गए।

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें


Join Whatsapp Group +91 6230473841