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राष्ट्र निर्माण में पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका- डॉ. शांडिल

Published ByAnkita Date Jul 30, 2024

स्वास्थ्य मंत्री ने तुंदल में अमरूद का पौधा रोपित कर किया वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ

HNN/ सोलन

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत तुंदल के रुड़ा गांव में 75वें वन महोत्सव एवं पौधारोपण अभियान की अध्यक्षता की।

इस राज्य स्तरीय अभियान का विधिवत शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शिमला से वेबीनार के माध्यम से किया गया, जिसमें प्रदेश भर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने वेबीनार के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री से इस अवसर पर संवाद भी किया और अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।

स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर अमरूद का पौधा रोपित किया। इसके उपरांत उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण में पौधरोपण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने उपस्थितजनों का आह्वान किया कि वे न केवल पौधों का रोपण करें, बल्कि एक पेड़ बनने तक इनकी निरंतर देखभाल भी करें।

उन्होंने कहा कि हरित वन क्षेत्र को बढ़ाने की दिशा में वर्तमान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में कई पहल कर रही है। इसके लिए खाली पड़े सूखे पहाड़ों पर एक समग्र अभियान के तहत पौधरोपण किया जा रहा है। वन संपदा के संरक्षण एवं उचित दोहन के लिए भी प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

नियमों में आवश्यक बदलाव करते हुए वन अधिकारियों की शक्तियां भी बढ़ाई गई हैं ताकि वर्षा अथवा भूस्खलन इत्यादि से गिरे पेड़ों के उचित निस्तारण के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकें। इससे लकड़ी की जरूरत पूरी होगी और वन विभाग के राजस्व में भी वृद्धि सुनिश्चित हो सकेगी। डॉ. शांडिल ने कहा कि वन महोत्सव पर पौधरोपण को केवल औपचारिकता न समझें और इन रोपित किए गए पौधों का एक परिजन की तरह पालन पोषण भी करें।

उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वह जन्मोत्सव तथा अन्य समारोह में उपहार के रूप में पौधे प्रदान करें और इससे न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा बल्कि पृथ्वी माँ का वरदान भी हमें मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को वृक्ष श्रृंखला को पुनः जीवित करना है और वृक्षों की संख्या बढ़ानी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और हमें पर्यावरण से समन्वय बनाते हुए इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने से जलस्तर बढ़ेगा, ग्लेशियर पुनर्जीवित होंगे और इससे पर्यावरण का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा। फलदार पौधे लगाने की योजना का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए क्षेत्र चिह्नित हों, जिससे बंदरों का आतंक कम होगा और खेती का भी संरक्षण सुनिश्चित होगा।

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे वृक्ष लगाने को अपनी आदत में शुमार करें। उन्होंने स्कूली बच्चों से भी आग्रह किया कि लक्षित तौर पर वृक्ष लगाएं और इसके लिए स्कूल प्रबंधन प्रतिस्पर्धाओं का भी आयोजन करें, जिसमें एन.सी.सी. और एन.एस.एस. को भी शामिल करें। उन्होंने कहा कि हम वृक्षों की देखभाल करेंगे तभी हमारे यह प्रयास सार्थक होंगे और राष्ट्र निर्माण में पर्यावरण संरक्षण सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध नाट्य दल द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण संरक्षण से संबंधित लघु नाटिका एवं समूह गान की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग लोगों तक उपयोगी जानकारी का प्रचार-प्रसार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर डॉ. शांडिल ने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और सम्बन्धित अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए।

इससे पहले वन मंडलाधिकारी सोलन एच.के. गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और पौधारोपण अभियान पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। ए.सी.एफ. चंद्रिका शर्मा ने उपस्थितजनों का धन्यवाद किया। पौधरोपण के इस अभियान में गर्ल्स एन.सी.सी. की कैडेट्स, स्कूली बच्चों तथा स्थानीय जनता ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस दौरान आंवला, दाड़ू, जामुन, बाण और अमरूद इत्यादि विभिन्न प्रजातियों के लगभग 101 पौधे रोपित किए गए। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध लोकनाट्य दल द्वारा इस अवसर पर वन संरक्षण एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

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