दिलीप सिरमौरी, अजय चौहान व वर्षा ठाकुर के नाम रही पहली सांस्कृतिक संध्या, क्या बोले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जी आर मुसाफिर…
HNN News सराहां
राज्यस्तरीय वामन द्वादशी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या सिरमौर के प्रसिद्ध कलाकार दिलीप सिरमौरी, अजय चौहान व वर्षा ठाकुर के नाम रही। इस दौरान तीनों लोक कलाकारों ने ऐसा समा बांधा कि खचाखच भरा कुश्ती स्टेडियम नाटियों पर झूमने लगा।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
पहली सांस्कृतिक संध्या के मुख्य कलाकार दिलीप सिरमौरी ने एक से बढक़र एक नाटियां गाकर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। उन्होंने पानी री टंकी हो रोतीरामा, नाटी रा चस्का बुरा, झुमका झुमका, मेरा सिरमौर बड़ा प्यारा, ऊंची ऊंची बर्फीली चोटी पांडे चूड़धार, क्या देखते हो गौर से हम है सिरमौर से, मेरा तो घूमना नोये शहरों दे आदि पहाड़ी गीत गाकर लोगों का खूब मनोरंजन किया।
इससे पहले अजय चौहान ने खामोशियां तेरी मेरी खामोशियां, मैं तेनु समझावा की, मौला मेरे मौला, पानी री टंकी व शेला लगा तेरे आंगने संजना प्यारिये समेत कई गाने हिंदी गाने और पहाड़ी गीतों की झड़ी लगाकर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।
वहीं, वर्षा ठाकुर ने सदा रहना तुम, मिले हो तुम हमको बड़े नसीबों से, माही वे, मेरे रश्के कमर, कजरा मोहब्बत वाला, हुस्न पहाड़ों दा जैसे कई गीतों से दर्शकों को जमकर नचाया। इसके अलावा सौरव कुमार ने सुखों-दुखों रा ताना-बाना, नरेंद्र ठाकुर तेरे बागो दे खड़ी कुकड़ी, नीरू चली घुमदी जैसे गीतों पर दर्शकों का मनोरंजन किया।
इस संध्या के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर रहे। इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस नेत्री दयाल प्यारी, तहसीलदार प्रवीण चौहान, रणधीर पंवार समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।
मुख्य अतिथि गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि मेले आपसी प्रेम व मिलन का केंद्र है। मेलों के माध्यम से कई बिछड़े लोग मिलते हैं। उन्होंने कहा कि सराहां का ऐतिहासिक वामन द्वादशी मेला आस्था व श्रद्धा का भी प्रतीक है। इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचने के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर का जोरदार स्वागत भी किया गया।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group