6000 पदों पर होगी पुलिस भर्ती, आधुनिकीकरण के लिए ₹150 करोड़ की स्वीकृति;खुलेंगे सात नए महिला थाने भी
चंडीगढ़।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने और पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कई बड़े और निर्णायक कदमों की घोषणा की है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पुलिस विभाग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठा रही है, जिसके तहत महिला पुलिस बल की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह घोषणा गृह विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने बताया कि जल्द ही पुलिस विभाग में 6,000 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिनमें से 1,250 पद केवल महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा और पुलिस एवं गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में अग्रणीबैठक के दौरान बताया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने के लिए ढांचा तैयार करने में हरियाणा देश में अग्रणी रहा है।
बैठक में बताया गया कि सभी आवश्यक अधिसूचनाएं जारी की जा चुकी हैं तथा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सात नए महिला पुलिस थानों की स्थापना की जाएगी, जिससे वर्तमान में संचालित 33 महिला थानों का व्यापक विस्तार होगा।
सड़क सुरक्षा के लिए, तेज रफ्तार ड्राइविंग पर अंकुश लगाने हेतु अब पंचकूला में भी स्पीड राडार नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा।
आधुनिकीकरण और साइबर सुरक्षा पर ज़ोर
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि पुलिस बल को अत्याधुनिक तकनीक और ढांचागत सुविधाओं से लैस करने के लिए वित्त विभाग ने प्रथम चरण में 150 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।
साइबर अपराधों से निपटने के लिए हर उपमंडल स्तर पर साइवर पुलिस सेल पूरी तरह कार्यरत हैं।गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि फॉरेंसिक विज्ञान सेवाओं को मजबूत करने के लिए 68.70 करोड़ रुपये की राशि से आधुनिक उपकरण खरीदे जा रहे हैं।
इसके अलावा, अपराध स्थलों से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने की क्षमता बढ़ाने के लिए 17 नई मोबाइल फॉरेंसिक साइंस यूनिट्स स्थापित करने की मंजूरी भी मिल चुकी है। एनडीपीएस मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए महत्वपूर्ण जिलों में आठ विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए गए हैं।
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