Himachalnow / मनाली
सामाजिक चेतना के तहत बदली परंपरा, भक्तों को मिलेगा पौष्टिक प्रसाद
इस बार महाशिवरात्रि का पर्व हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में एक नई सामाजिक चेतना के साथ मनाया जाएगा। नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब देव समाज भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसी के तहत इस साल शिवालयों में भांग के घोटे का प्रसाद नहीं बनाया जाएगा। इसकी जगह भक्तों को खीर, फल और अन्य पौष्टिक प्रसाद वितरित किया जाएगा।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
शिव मंदिरों में परंपरा में बदलाव
हर साल महाशिवरात्रि पर शिवालयों में भांग का घोटा तैयार किया जाता था, जिसे हजारों श्रद्धालु प्रसाद के रूप में ग्रहण करते थे। लेकिन इस वर्ष सामाजिक जागरूकता के तहत यह परंपरा बदली जा रही है। खासतौर पर मनाली बाजार के सियाली महादेव मंदिर, सियाल मंदिर और ब्राण गांव के नीलकंठ महादेव मंदिर में इस बार भक्तों को भांग की जगह साबुदाने की खीर, फल और अन्य शुद्ध प्रसाद वितरित किया जाएगा।
ग्रामीणों की बैठक में लिया गया फैसला
सियाली महादेव मंदिर के कारदार जयचंद ठाकुर ने बताया कि सियाल और बनसारी गांव के लोगों की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक में चिट्टा और अन्य घातक नशों के खिलाफ चल रहे अभियान को और मजबूत करने के लिए भांग के घोटे का वितरण बंद करने पर सहमति बनी। ग्रामीणों ने एकमत होकर यह फैसला किया कि इस बार न केवल सियाली महादेव बल्कि आसपास के अन्य मंदिरों में भी यह बदलाव किया जाएगा।
शुद्ध प्रसाद से मिलेगी नई दिशा
इस पहल से महाशिवरात्रि पर्व को नई दिशा मिलेगी। मंदिर समिति का मानना है कि इस छोटे से बदलाव से समाज में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन मिलेगा। मंदिर प्रशासन और ग्रामीणों ने भक्तों से भी इस निर्णय का समर्थन करने की अपील की है, ताकि यह एक नई स्वस्थ परंपरा की शुरुआत बने।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group