लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

मजदूर वर्ग की बदतर हालत पर गुरु रविदास यूथ एकता सभा की आवाज, समान वेतन और सम्मान की मांग तेज

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

हिमाचल प्रदेश में मजदूर वर्ग की आर्थिक और सामाजिक स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। फैक्ट्रियों, निर्माण स्थलों और दिहाड़ी पर काम करने वाले अधिकांश मजदूरों को महीने में केवल लगभग 12 हजार रुपये ही मिलते हैं। इतनी कम कमाई में बच्चे की पढ़ाई, घर का राशन, बिजली-पानी के बिल, पेट्रोल, दवाई–इलाज और अन्य आवश्यक जरूरतें पूरी कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। मजबूरी में मजदूर इसी अल्प वेतन में पूरा महीना गुजारने को विवश है।

ऊना/वीरेंद्र बन्याल

मज़दूर संगठनों का कहना है कि चाहे बीजेपी सरकार हो या कांग्रेस की, दोनों सरकारें मजदूरों की असल समस्याओं को समझने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में नाकाम रही हैं। उनका स्पष्ट संदेश है।जो सरकार मजदूरों की आवाज सुनेगी, वही मजदूरों का वोट पाएगी।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

समान काम के लिए समान वेतन की मांग तेज

मजदूर संगठनों ने सरकारी और आउटसोर्स कर्मियों के बीच वेतन की भारी असमानता को भी बड़ी समस्या बताया। जहां नियमित सरकारी कर्मचारी 8 घंटे की नौकरी के बदले 50 से 70 हजार रुपये तक वेतन पाते हैं, वहीं वही काम ठेके पर काम करने वाले मजदूरों से केवल 8 से 12 हजार रुपये में करवाया जाता है। यह असमानता मजदूरों के अनुसार “स्पष्ट अन्याय और मानवता के खिलाफ़” है।
संगठन ने केंद्र सरकार से “समान काम के लिए समान वेतन और समान सम्मान” लागू करने को लेकर सशक्त कानून बनाने की मांग की है।

आउटसोर्स और निजी कंपनियों के मजदूरों के शोषण का आरोप

आउटसोर्स कर्मचारियों की 5 हजार रुपये जैसी न्यूनतम तनख्वाह को संगठन ने “अत्यंत अपमानजनक” बताया है। मांग की जा रही है कि इनकी सैलरी भी मजदूर वर्ग के मानकों के अनुरूप बढ़ाई जाए ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
निजी कंपनियों में ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी से मजदूरों को बुलाना, छुट्टी देना और बिना कारण घर भेज देना भी शोषण का बड़ा कारण बताया गया है। संगठन का कहना है कि यह ठेकदारी प्रथा मजदूरों की सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी है और इसे समाप्त किया जाना बेहद जरूरी है।

महासभा करेगी आंदोलन, मंत्रियों का घेराव भी संभव

महर्षि वाल्मीकि–गुरु रविदास यूथ एकता महासभा ने घोषणा की है कि मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय और असमानताओं के खिलाफ़ जल्द ही सशक्त आंदोलन शुरू किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो मंत्रियों का घेराव भी किया जाएगा।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें


[web_stories title="false" view="grid", circle_size="20", number_of_stories= "7"]