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बुड़ाह लोकनृत्य स्पर्धा में हाटी कला मंच “पाब” ने मारी बाजी

Published ByShailesh Saini Date Nov 13, 2024

जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी के प्रयासों से

Himachalnow/नाहन

अन्तरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले के तीसरे दिन बुड़ाह लोकनृत्य दलों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ऐतिहासिक रेणु मंच पर हुई इस स्पर्धा में जिला सिरमौर के पारंपरिक लोकनृत्य “बुड़ाह” की बेहतरीन प्रस्तुतियां पेश की गईं।इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी नाहन राजीव सांख्यान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करी।

आयोजित प्रतियोगिता में गिरिआर हाटी कला मंच पाब बुड़ाह दल ने पहले स्थान पर बाजी मारी। जबकि, शिरगुल बुड़ाह लोकनृत्य दल अंधेरी दूसरे और लोकनृत्य दल सैंज तीसरे स्थान पर रहा।

आयोजित प्रतियोगिता में शिरगुल कला मंच घाटों, बुड़ाह लोकनृत्य दल सैंज, पारंपरिक लोक नृत्य दल हानत, गोगा वीर सांस्कृतिक कला मंच पखवान गणोग, गुगा महाराज बुढ़ियात सांस्कृतिक क्लब क्यारका, बुड़ाह दल ऊंचा टिक्कर, भद्रास दल गनोग और शिरगुल बुड़ाह लोकनृत्य दल अंधेरी के कलाकारों ने स्पर्धा में हिस्सा लिया।

इस स्पर्धा में लोक संस्कृति के ज्ञाता कंवर सिंह नेगी, जिला लोक संपर्क विभाग के मनोज शर्मा और जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी ने बताया कि बुड़ाह लोकनृत्य दलों के कलाकारों ने पारंपरिक कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

उन्होंने बताया कि यह लुप्त प्राय पारंपरिक नृत्य लोक गाथाएं होकू, छींछा आदि गाथाओं के माध्यम से हुड़की( डमरू), थाली आदि वाद्य यंत्रों का प्रयोग करते हुए किया जाता है। इसमें विशेष पारंपरिक परिधान “चोलटु” पहना जाता है।

उन्होंने बताया कि इस स्पर्धा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के विजेताओं को आकर्षक ट्रॉफी के साथ क्रमशः 15000, 13000 व 11000 रुपये की पुरस्कार राशि श्री रेणुकाजी विकास बोर्ड की ओर से प्रदान की जाएगी।

बता दें कि जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी के लगातार प्रयासों के चलते जिला सिरमौर की लुप्तप्राय गाथाएं वीर रस से लबरेज़ हमारी विधाएं आदि पर काफी गहनता के साथ कार्य किया गया है। यही बड़ी वजह है कि आज भावी पीढ़ी का भी अपने पारंपरिक लोक नृत्यों आदि के प्रतिरुझान बढ़ रहा है।

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