लोक संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर मिलेगा सम्मान
HNN/ नाहन
विदेशों में ख्याति प्राप्त जिला सिरमौर के लोक कलाकार जोगेंद्र हाब्बी की बेशुमार उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त में एक और बड़ी कामयाबी जुड़ गई है। जोगेंद्र हाब्बी को संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए अब वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी, युनाईटेड किंगडम द्वारा डाॅक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा जाएगा। बता दें कि जोगेंद्र हाब्बी पिछले 30 वर्षों से लोक संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करते हुए लगभग 5,000 से अधिक सांस्कृतिक प्रदर्शन कर चुके हैं।
1990 के दशक में उन्होंने अपने सांस्कृतिक सफर की शुरूआत की। सांस्कृतिक दल का गठन किया। गुरू पद्मश्री विद्यानंद सरैक, रामलाल, धर्मपाल, सरोज, अनुजा, बिमला, गोपाल, चमन, संदीप, अमीचंद, देवीराम, बलदेव, चेतराम सरीखे सैकड़ों लोक कलाकारों समेत स्व. जशराम ठाकुर, स्व. हरिराम और स्व. रमेशचंद आदि कलाकारों के सहयोग से सिंहटू, भड़ाल्टू, डग्याली, ठोडा, रिहाल्टी गी, ढीली नाटी, धूड़िया स्वांग, करियाला व सिरमौरी नाटी जैसे पारंपरिक नृत्यों को हिमाचल और भारतवर्ष के कई राज्यों में प्रदर्शित किया।
ऑल इंडिया रेडियो से हाल ही में ए ग्रेड श्रेणी में उत्तीर्ण हिमाचल प्रदेश के एकमात्र सांस्कृतिक दल जोगेंद्र हाब्बी और साथी कलाकारों ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश, जोनल कल्चरल सेंटर, दूरदर्शन केंद्र, संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और हिमाचल सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले सैकड़ों अति महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में विशुद्ध लोक संस्कृति का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई है।
चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल का नेतृत्व करते जोगेंद्र हाब्बी ने यूरोप के बुल्गारिया, मेसोडोनिया, ग्रीस और तुर्की देशों के अनेकों स्थानों में सिरमौरी नाटी की दर्जनों प्रस्तुतियां देकर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को विदेशों में भी पहचान दिलाई है। लोक सांस्कृतिक क्षेत्र के सफर को निरंतर जारी रखते हुए हाब्बी ने दल का नेतृत्व करते इंडिया बुक, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जैसे रिकॉर्ड दर्ज कर प्रदेश की संस्कृति को एक मुकाम तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है।
इसके परिणामस्वरूप वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी युनाईटेड किंगडम की एकेडमिक काउंसिल ने जोगेंद्र हाब्बी को डाॅक्टरेट की मानद उपाधि देने का निर्णय लिया है। गौरतलब हो कि हाब्बी को छोटे-बड़े अनेकों आयोजनों में अबतक एक सौ से अधिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
उस्ताद् बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार से सम्मानित युवा कलाकार गोपाल हाब्बी ने ये जानकारी दी। उधर, जोगेंद्र हाब्बी ने मानद उपाधि के लिए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थॉमस रिचर्ड विलियम बैंस, गुरू पद्मश्री विद्यानंद सरैक और चूड़ेश्वर सांस्कृतिक मंडल के सभी वरिष्ठ व कनिष्ठ कलाकारों के साथ प्रदेश के सभी कलाप्रेमी सज्जनों का आभार जताया है।