प्रशासन ने चूड़धार यात्रा पर लगाई रोक, अब 6 माह बाद कर सकेंगे शिरगुल महाराज के दर्शन

HNN/ संगड़ाह

अब अगले छह माह तक श्रद्धालु और पर्यटक सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर स्थित शिरगुल महाराज जी के दर्शन नहीं कर पाएंगे। बर्फबारी के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा चूड़धार यात्रा पर रोक लगा दी गई है। शिरगुल महाराज जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए अब छह माह बाद यानी कि मई 2022 को ही खुलेंगे। बता दें कि जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर बर्फबारी हुई है जिसके चलते यहां कड़ाके की ठंड पड़ गई है। ऐसे में प्रशासन ने मई तक चूड़धार यात्रा पर रोक लगा दी है।

उधर, चूड़धार सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने भी श्रद्धालुओं से चूड़धार की तरफ नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चूड़धार में बर्फबारी के दौरान यहां जाना खतरों से खाली नहीं है।बताया कि मंदिर में सिर्फ स्वामी कमलानंद महाराज और उनका एक सेवादार है बाकी चूड़ेश्वर सेवा समिति का सारा स्टाफ और कारोबारी वहां से वापस लौट आए हैं।

उन्होंने बताया कि ना तो यहां पर ठहरने की कोई व्यवस्था है और ना ही खाने पीने की इसलिए श्रद्धालु और पर्यटक चूड़धार की ओर रुख ना करें। बता दें कि विश्व विख्यात धर्मिक यात्राओं में शुमार पवित्र तीर्थ स्थल चूड़धार मंदिर समुद्र तल से 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। चूड़धार मंदिर पहुंचने के लिए सिरमौर जिला के नोहराधार व शिमला जिला के सराहां (चौपाल) से कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है।


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