HNN/ बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन की सुविधा शुरू होने से लोगों को बाहरी राज्यों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बोन मैरो और अंग प्रत्यारोपण शुरू करना एम्स बिलासपुर की मुख्य परियोजनाओं में से एक है। इसे शुरू करने के लिए एम्स प्रबंधन ने मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हालांकि, अनुमति मिलने में कितना समय लगेगा यह अभी तय नहीं है। इसे पूरी तरह से शुरू करने के लिए अभी एक से डेढ़ वर्ष का समय भी लग सकता है। एम्स दिल्ली और पीजीआई में यह सुविधा पहले से ही है।
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ब्लड कैंसर, ब्लड डिसऑर्डर और अप्लास्टिक एनीमिया के इलाज में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन किया जाता है। दिल्ली एम्स में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन का खर्च पांच लाख रुपये के आसपास आता है। अगर पीजीआई की बात करें तो वहां पांच से छह लाख रुपये के बीच खर्च आता है।
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