पौंग झील प्रवासी पक्षियों से गुलज़ार, इन प्रजातियों के…

HNN/ काँगड़ा

पौंग झील में सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रवासी पक्षियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। प्रवासी पक्षी अपनी क्लोलों से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। प्रदेश ही नहीं अन्य राज्यों से भी लोग पौंग झील में प्रवासी पक्षियों को देखने आ रहे हैं। अनुमान के अनुसार अभी तक 68 हज़ार से भी अधिक प्रवासी पक्षी पौंग में पहुंच चुके हैं।

हर साल साईबेरिया, तिब्बत व मध्य एशिया में बर्फबारी तथा ठंड बढ़ने से हजारों किलोमीटर उड़ान भरने के बाद प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं। ये मार्च के मध्य तक प्रवास करते हैं और फिर लौट जाते हैं। वन्य जीव संरक्षण विंग के अधिकारियों के मुताबिक अब तक पौंग झील में 88 प्रजातियों के 68 हज़ार से अधिक प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं।

इनमें बार हेडेड गीज 27139, कामन कूट 12867, नार्दर्न पिंटेल 5291, कामन टिल 4445, कामन पौचार्ड 4229, लिटल कर्मोनेंट 3339, रूडी शेल डक 1654, गड वाल 1118, स्पाट बिल्ड डक 948, रशियन विजन 594, वार्न स्वेल्लो 425, नॉर्दन शावलर 423, कॉमन मूर हेन 420, ब्लैक हेडेड गुल्ल 387, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 371, पर्पल मूर हैं 370, रिवर टर्न 341, रिवर लैप विंग 269, ग्रेट कर्मोनेंट 268 व लिटल ग्रेब 253 प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचे हैं।


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