पांवटा साहिब में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, दिन-रात हो रहा अवैध खनन

HNN / तपेंद्र ठाकुर, पांवटा

पांवटा साहिब में खनन माफिया के हौसले दिन-प्रतिदिन बुलंदियों पर हैं। पांवटा साहिब की यमुना गिरी और बाता नदियों की बात करे तो यहां दिन-रात अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है।  इतना ही नही, किसानों की उपजाऊ भूमि को खनन माफिया कई फीट गड्ढे में तब्दील कर रहे हैं। खनन माफिया न्यायालय और सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी गूंगे बहरे बने बैठे है और खनन माफिया अवैध खनन कर जमकर चांदी कूट रहे है।

अवैध खनन को रोकने के लिए न्यायालय ने बेहद सख्त निर्देश दिए हैं और सरकार ने कड़ी व्यवस्था की है। मगर धरातल पर न्यायालय के आदेशों के अनुपालना नही दिखाई देती है ओर ना ही सरकारी निर्देश कहीं नजर आते हैं। पांवटा साहिब के चारों तरफ कुछ नजर आता है तो सरकारी और न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाता खनन माफिया।  खनन माफिया द्वारा की जा रही मनमानी का कारण अवैध खनन रोकने के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग हैं।

आपको बता दें कि लगभग 3 दर्जन विभागों को अवैध खनन रोकने की शक्तियां प्रदान की गई है, बावजूद इसके कोई भी सरकारी विभाग ऊंची पहुंच रखने वाले खनन माफिया पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं उठाता।  लिहाजा अब विभागों पर खनन माफिया के साथ मिले होने के भी आरोप लगने लगे हैं।  बात यदि  मानपुर देवड़ा की करे तो यहां रोजाना अवैध खनन हो रहा है, पुल की जड़ो से अवैध रूप से खनन सामग्री उठाई जा रही है।  लेकिन खनन विभाग के अधिकारी कर्मचारी हमेशा यह कह कर पल्ला झाड़ देते है कि उनके पास स्टाफ ओर संसाधनों की कमी है।

खनन विभाग के अधिकारियों को जब कोई अवैध खनन की जानकारी देता है तो वो घिसा पिटा राग अलापने लग जाते है। कई बार आरोप भी लग चुके है कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ये धंधा चला हुआ है लेकिन बावजूद इसके अधिकारी ठोस कार्य वाही करते नज़र नही आते। वही, जब जब मीडिया द्वारा यह मामला उठाया गया, उस दौरान उन गरीब लोगों के चालान किये गए जो अपने भवन निर्माण आदि में लिए खनन सामग्री मजबूरी में उठा रहे होते है। थोड़ी दिन विभाग की यह कार्यवाही जारी रहती है उसके बाद दोबारा अवैध खनन शुरू हो जाता है।


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