पांच साल से सड़क का निर्माण कार्य लंबित होने के चलते पीठ पर उठाने पड़ रहे मरीज

दौरा पड़ने पर 4 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई से कूणा गांव से सड़क तक लाए गए बलिराम

HNN / संगड़ाह

उपमंडल संगड़ाह की बढ़ोल पंचायत के कुणा गांव के बलिराम को मंगलवार को अचानक दिल का दौरा पड़ने पर उसे चार किलोमीटर तक पीठ पर उठाकर सड़क तक लाना पड़ा। ग्रामीणों को मरीज सड़क तक पहुंचने में जहां करीब 2 घण्टे का समय लग गया, वहीं उठाने वाले लगभग दर्जन भर लोंगो के पसीने छूट गए। ऐसा पहली बार नही हुआ है, बल्कि हर बार यहां बीमार लोगों को पीठ अथवा चारपाई पर उठाकर ही सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। गंभीर रूप से बीमार कई मरीज तो सड़क तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते है।

एक तरफ सरकारें जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के जाल बिछाने के दावे करते नही थकती है, वहीं उपमंडल संगड़ाह का गांव कुणा आज भी सड़क से वंचित है। इस गांव के लिए नाबार्ड के तहत करीब 4 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन सड़क का निर्माण कार्य कछुआ चाल चलने से ग्रामीणों में सरकार व लोक निर्माण विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। कुणा गांव के नरेश शर्मा ने बताया कि, गांव के लिए नवंबर 2016 में सड़क निर्माण का कार्य शुरू तो हुआ, मगर 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नही हुआ है।

संड़क का जो हिस्सा तैयार हुआ था, वह भी भुस्खलन होने के कारण बंद हो गया है। सड़क का निर्माण कार्य लंबित रखने के लिए ग्रामिणों ने ठेकेदार व विभाग के प्रति रोष जताया। ग्रामीणों ने बताया कि, हाल ही मे विभाग ने इस सडक से बरसाती मलबा साफ करने जेसीबी तो भेज दी, मगर डंगे लगना व शेष निर्माण कार्य अब तक लंबित है। लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि, कूणा सड़क पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनो को भेज दिया है। उन्होने कहा कि, निर्माण कार्य लंबित रखने वाले ठेकेदार को विभाग द्वारा करीब 20 लाख रुपए जुर्माना किया जा चुका है।


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